राजस्थान में भजन लाल सरकार गठन करेगी राजस्थानी भाषा बोर्ड, दुनिया भर में जाना जाएगा प्राचीन भाषा का महत्व
Rajasthan News : प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है। इस बीच भजनलाल सरकार जल्द ही राजस्थानी भाषा के विकास के लिए विकास बोर्ड का गठन करेगी। इसका नाम राजस्थानी भाषा विकास बोर्ड होगा। इस बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां भी होंगी। जिसमें अध्यक्ष, सदस्य, भाषा विशेषज्ञ और सचिव का पद होगा। बोर्ड को खर्चों के लिए अलग से बजट मिलेगा। बोर्ड का कार्यालय जयपुर या मारवाड़ के किसी जिले में होगा।
हालांकि बोर्ड की स्थापना के साथ ही कार्यालय के स्थान की घोषणा कर दी जाएगी। जिस पर अभी निर्णय होना बाकी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में राजस्थानी भाषा में पीजी कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। भाषा पर कई शोध हो चुके हैं।
ऐतिहासिक विवरण से साबित होगी महत्ता
बोर्ड का प्रारूप तैयार करने में जुटे विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थानी भाषा का यह बोर्ड किसी तरह की मान्यता प्राप्त करने के बारे में नहीं है। बल्कि यह राजस्थानी भाषा और बोलियों के महत्व को बताएगा। भाषा के पौराणिक संबंध और भाषा व बोलियों का विकास कैसे हुआ, इस पर भी काम होगा। यह भगवान श्री कृष्ण और लोक देवताओं से जुड़ी है। इनसे जुड़े दस्तावेजों और स्थानों के संरक्षण पर भी काम होगा।
अन्य राज्यों के मॉडल का भी अध्ययन
अन्य राज्यों में भी अलग-अलग भाषाएं और बोलियां हैं। वहां इस संबंध में किस तरह विकास कार्य हुए? खासकर दक्षिणी राज्यों के मॉडल का भी अध्ययन किया जा रहा है।
संकल्प पत्र में भी जिक्र
राजस्थानी भाषा कई बार केंद्रीय मान्यता का मुद्दा उठा है। भाजपा ने 2023 के संकल्प पृष्ठ में राजस्थानी भाषा विकास बोर्ड के गठन का भी जिक्र किया है। ऐसे में यह सरकार की प्राथमिकता है।