महाकुंभ से पहले योगी सरकार का मास्टर प्लान, इस एक्सप्रेसवे से सफर होगा आसान
Ganga Expressway : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाया जा रहा है ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे देश के किसी भी राज्य में बनने वाला दूसरा लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इस एक्सप्रेसवे को बनाने का काम काफी तेजी से चल रहा है और अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष के अंत तक इसे शुरू कर दिया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के मामले में यह एक्सप्रेसवे अपनी अलग ही कहानी रखेगा।
518 गांवों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे
अनुमान लगाया जा रहा है कि महाकुंभ 2025 के शुरू होने से पहले इसे दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 से पहले का लक्ष्य रखा था। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाली इस 594 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेस वे से पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी के बीच की दूरी कम हो जाएगी और सफर भी आसान हो जाएगा।
36230 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे को 6 लाइन बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों और 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन फिर बढ़ाकर 8 लेन कर दिया गया।
80 प्रतिशत काम हुआ पूरा
इस एक्सप्रेसवे को बनाने का करीबन 80% काम पूरा कर लिया गया है। इस एक्सप्रेसवे को चार चरणों में बनाया जा रहा है। पहले शरण में मेरठ से बदायूं का निर्माण कार्य में मैसर्स आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जा रहा है। वहीं दूसरे, तीसरे और चौथे चरण का काम बदायूं से हरदोई, हरदोई से उन्नाव और उन्नाव से प्रयागराज का काम मेसर्स अदानी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जा रहा है।
इस एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी। इस हवाई पट्टी को 3.5 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा। इस हवाई पट्टी पर आपातकालीन स्थिति में बोइंग विमान को उतारने का लक्ष्य रखा गया है। इस एक्सप्रेसवे पर दो मुख्य और अन्य स्थानों पर 15 रैंप टोल प्लाजा लगे होंगे।