बिहार में एम्स की मंजूरी मिलते ही इस इलाके की जमीनों में आया तगड़ा उछाल, सातवें आसमान पर पहुंचे रेट

Darbhanga AIIMS Update : बिहार राज्य के दरभंगा जिले में एम्स का निर्माण किया जाना है। इसकी अनुमति मिलने ओर जगह मिलने के बाद आसपास की जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। तकनीकी टीम द्वारा इस जिले में एक जगह चुनी गई है, जहां पर एम्स का निर्माण किया जाना है और प्रशासन द्वारा इस योजना को मंजूरी दे दी गई है।

 

Bihar News : बिहार राज्य के दरभंगा जिले में एम्स का निर्माण किया जाना है। इसकी अनुमति मिलने ओर जगह मिलने के बाद आसपास की जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। अब दूसरे राज्यों के लोग भी यहां जमीन खरीदने के लिए उत्सुक हैं। ये बिहार के दरभंगा जिले में दूसरा एम्स बनने जा रहा है। तकनीकी टीम द्वारा इस जिले में एक जगह चुनी गई है, जहां पर एम्स का निर्माण किया जाना है और प्रशासन द्वारा इस योजना को मंजूरी दे दी गई है। टीम द्वारा चुनी गई यह जमीन शहर से सिर्फ छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके बनने से पिछड़े क्षेत्रों बहुत ज्यादा लाभ मिलने वाला है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी टीम ने एम्स के निर्माण के लिए एकमी टू शोभन बाईपास सड़क के किनारे बलिया मौजे की जमीन को मंजूरी दी है। इसके बाद से इस इलाके में जमीन की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है।

जमीन की कीमतें छूने लगी, आसमान

स्थानीय निवासी सुधीर कुमार ने बताया कि एम्स की स्थापना से इस इलाके में अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे। अब आसपास के लोगों को जो दूसरे राज्यों में जाकर काम करते थे, उन लोगों को अपने इलाके में ही काम मिल सकेगा। AIMS बनने के बाद बड़े-बड़े होटल, मॉल और बहुत सारे अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। हाल ही में 2 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की कीमत वाली जमीन आज 20 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की कीमत पर खरीदी जा रही है। वर्तमान समय में एम्स निर्माण स्थल से भरौल चौक तक सड़क किनारे 15 से 20 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर जमीन बेची जा रही है। भरौल चौक से मुस्तफापूर तक 20 से 22 लाख रुपये की जमीन को बेचा जा रहा है। मुस्तफापुर से एकमी तक सड़क किनारे की जमीन का मूल्य 22 से 25 लाख रुपए प्रति कट्ठा तक बेची जा रही है।

इलाके में विकास कार्यो ने पकड़ी रफ्तार

स्थानीय निवासी रामनरेश यादव का कहना है कि एम्स बनने के बाद केवल दरभंगा ही नहीं बल्कि समस्तीपुर, मधुबनी, बेगूसराय, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेतिया, चंपारण, पूर्णिया, मधेपुरा जैसे जिलों से आने वाले मरीजों को भी लाभ मिलेगा। पड़ोसी नेपाल भी इससे लाभान्वित होगा। यहां के लोगों को अपनी जमीन से बड़ी रकम मिल रही है। जब से प्रशासन द्वारा एम्स को बनाने का पत्र जारी किया गया है, तभी से इस इलाके में विकास कार्यो ने और गति पकड़ ली है।