उत्तर प्रदेश में गाय के गोबर से बना एंटी बैक्टीरियल सस्ता पेन्ट चमकाएगा घर
UP News: यूपी के बांदा में गौशाला संचालकों ने अन्ना गोवंशों की सुरक्षा के लिए तीन से अधिक गौशालाएं बनाई हैं। इन गौशालाओं में, संरक्षित गोवंशों के भरण-पोषण के लिए पर्याप्त बजट न होने पर, जन भागीदारी के माध्यम से गोवंशों को चारा और भूसा उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल गौशालाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए पहल कर रही हैं। इस पहल के तहत, गौशाला से निकलने वाले गोबर का प्रयोग प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए किया जा रहा है।
इस प्राकृतिक पेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत, स्थानीय गौशाला संचालकों, पंचायत प्रमुखों, स्वयंसेवी संस्थाओं, और अधिकारियों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, तीन स्वयंसेवी संस्थाएं प्राकृतिक पेंट बनाने का निर्णय ले चुकी हैं।
प्राकृतिक पेंट प्रोजेक्ट की प्रक्रिया:
सबसे पहले, गौशाला संचालक गौवंश के गोबर से तैयार किए जाने वाले प्राकृतिक पेंट के लिए आवश्यक गोबर को जमा करते हैं और उसका वजन मापते हैं।
इसके बाद, साफ किया गया गोबर को एक भंडारण टैंक में डाला जाता है, जिसमें पानी होता है। फिर मोटर के साथ टैंक को 40 मिनट तक मथते हैं।
इसके पश्चात्, गोबर का मिश्रण एक समान पेस्ट की तरह तरल में बदल जाता है।
इस तरल को 100 डिग्री सेल्सियस पर आधे घंटे के लिए गरम किया जाता है, और फिर इसे ब्लीच किया जाता है।
अंत में, प्राकृतिक पेंट में रंग मिलाया जाता है, और यह तैयार होकर प्राकृतिक पेंट के ब्रांड के रूप में बाजार में पेश किया जाता है।
इस प्रक्रिया के माध्यम से प्राकृतिक पेंट बनाया जाता है, जिसका उपयोग रंग, आदि के कामों में किया जा सकता है, और इससे गौवंशों के गोबर का भी उपयोग होता है।
इसके अलावा, गौवंशों को हरा चारा प्रदान करने के लिए भी कई मादक उपायों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा और खुशहाली सुनिश्चित की जा सकती है।
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