इस गांव में हुआ अद्भुत करिश्मा, कोई भी नहीं बना सकता 2 मंजिला घर, क्या हैं इसके पीछे की परंपरा

भारत में अभी भी बहुत से लोग गांवों में रहते हैं। इसलिए भारत को गांवों का देश कहा जाता है। गांवों में आप कई ऐसी कहानियां सुनेंगे जो आपको हैरान कर देंगे।
 
 

Ajab-Gajab: भारत में अभी भी बहुत से लोग गांवों में रहते हैं। इसलिए भारत को गांवों का देश कहा जाता है। गांवों में आप कई ऐसी कहानियां सुनेंगे जो आपको हैरान कर देंगे। हर गांव की अपनी प्रतिष्ठा और संस्कृति है। ऐसा ही गांव चंडीगढ़, हरियाणा की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश है। यह गांव दो मंजिला घर नहीं बना सकता है। 

हथनौर एक हिंदू राजपूत था जो बाबर के राज में था। इनमें से एक भाई ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा राजा की बेटी से विवाह किया था। कांगड़ा की राजकुमारी माता जयंती बहुत श्रद्धालु थीं। वह हर दिन माता की पूजा करने और उनके दर्शन करने के बाद ही भोजन करती थीं। माना जाता है कि दो मंजिला घर नुकसानदायक होंगे। गांव में हर घर नींव से उठाकर दीवारों से छत तक बनाया जाता है। गांव के लोगों का कहना है कि छत के ऊपर कुछ भी बनाना पूरी तरह से मना है। गांव में माता जयंती देवी का मंदिर बनाना इसकी वजह है। आइए जानते हैं कि पूरा सच क्या है?

राजकुमारी ने माता से कहा कि मैं तुम्हारे बिना इतनी दूर कैसे रहूंगी। माता ने उसे आश्वासन दिया कि बेटी तभी उठेगी जब मेरी डोली भी उठेगी। हर कोई शादी के बाद डोली नहीं उठ पाया। राजकुमारी ने अपने पिता को सपने में माता से बताया। माता जयंती की डोली को भी सजाया गया।  हथनौर का शासक के साथ राजकुमारी और माता की डोली विदा हुई। राजा ने पुजारी को भी साथ भेज दिया। 

उस वंश के पुजारी अभी भी माता जयंती की पूजा करते हैं। राजा और रानी की मौत के बाद अगली पीढ़ियों ने माता की पूजा बंद कर दी। उस समय मनी माजरा के जंगलों में एक डाकू रहता था, जो माता जयंती देवी का बहुत बड़ा उपासक था। कहा जाता है कि माता ने डाकू को दर्शन दिए थे, इसलिए उसने यहाँ माता का मंदिर बनाया। गांव के लोग कई बार एकत्र होकर पूजा पाठ करते थे। इस दौरान माता से अनुरोध भी किया गया कि दूसरी मंजिल बना दी जाए। समुदाय ने इसके लिए हां और ना की पर्चियां डालीं, लेकिन हर बार उसके अंदर ना ही निकला। 

जयंती नदी के किनारे माता की मूर्ति है। मंदिर के एक पुजारी ने मीडिया को बताया कि माता का मानना है कि देवी से ऊपर कोई नहीं जा सकता है। माता की पीढ़ी पूजा बंद कर दी, तो माता ने डाकू के सपने में आकर निर्देश दिया कि वह इस रियासत को तबाह कर दे। माता ने नहीं दिया! इसके बाद से ही माता के प्रकोप से बचने के लिए आज भी घरों के ऊपर दूसरी मंजिल नहीं बनाई जाती है। अगर कोई घर के ऊपर दूसरी मंजिल बनाने की कोशिश करता है, उसके साथ कोई अनहोनी हो जाती है।

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