Liquor : देसी शराब से नशा अधिक करने के लिए मिलाई जाती है यह चीज, यह है वजह
Saral Kisan : शराब शरीर के लिए हर हाल में नुकसानदेह है। लेकिन, इससे भी अधिक नुकसानदायक चुलाई शराब यानि देहाती दारू है। क्योंकि, इसका कोई मानक ही तय नहीं है। देशी शराब में नशा बढ़ाने यानि नशा को और किक देने के लिए कारोबारी यूरिया, स्पिरिट, ऑक्सीटॉक्सीन या अन्य पदार्थ मिलाते हैं। ये जानलेवा हैं। इस कारण इससे सिर्फ हानि ही हानि होती है।
बिहार में वैसे भी शराबबंदी है। बावजूद, लोगों की आदतें नहीं सुधर रही हैं। वहीं नशा अधिक लाने के ख्याल से चुलाई शराब में अल्कोहल की सांद्रता बढ़ाने यानि नशा को किक देने के लिए बेखौफ होकर शराब कारोबारी इसका धड़ल्ले से उपयोग करते हैं। चाहे पीने वाली की जान ही क्यों न चली जाये। उनहें तो बस मुनाफा चाहिए। इस तरह के शराब हमेशा ही जानलेवा सिद्ध होती हैं।
पावापुरी वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान (विम्स) की डॉ. निर्मल ज्योति ज्योत्स्ना ने बताया कि इस तरह की शराब पीने से गैस्ट्रिक इरिटेशन, आंतरिक रक्तस्राव व अन्य परेशानियां हो सकती हैं। कई बार इसका असर छह से आठ घंटे बाद दिखता है। अधिक सांद्रता वाली शराब पीने से शरीर में फॉर्मल्डीहाइड नामक रसायन बनता है, जो आंखों के लिए जहरीला है। इससे आंखें प्रभावित होती हैं। यह अचानक नहीं होता। पहले आंखों से धुंधला दिखाई देता है। बाद में यह बढ़ता जाता है। इससे आंखों की पूरी तरह रोशनी भी चली जाती है। जबकि, शुरुआत में आने से इस तरह के रोगियों का इलाज संभव है। गैस्टिक लेवाज से हम शरीर के अंदर में पहंचे अल्कोहल को बाहर निकालते हैं।
क्या है गैस्टिक लेवाज-
अगर आपने शराब पी है, तो निश्चित ही शरीर के अंगों में अल्कोहल अवशोषित होगा। यह हर हाल में नुकसानदेह है। शराब सीधे पेट तक पहुंचती है। पेट में शराब पहुंचने के बाद उसे अवशोषित होने से रोकने की प्रक्रिया ही गैस्टिक लेवाज कहलाती है। यानि, इसे निकाल देने से काफी हद तक शरीर के अंगों को कुप्रभावित होने से रोका जा सकता है। डॉक्टर के पास ले जाने तक परिजनों को शराब की उल्टी कराने का प्रयास करना चाहिए। इसके बाद जल्द से जल्द डॉक्टर के पास पहुंचे। सुनी सुनायी बातों पर कभी भी कोई इलाज न करें।
अधिक या जहरीली शराब लेने के बाद दिखने वाले लक्षण-
मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा।
याद्दाश्त पूरी तरह काम नहीं करेगा।
शरीर का संतुलन भी ठीक नहीं रहेगा।
उल्टी, पेट दर्द, आंतरिक रक्तस्राव होने से काला मल हो सकता है।
शुरू के पांच से छह घंटे ऐसे लोगों के लिए काफी मुश्किल भरा होता है।
इसमें थोड़ी-सी लापरवाही पर उनकी मौत भी हो सकती है।
अल्कोहल का कुप्रभाव इन बातों पर करता है निर्भर:
नशा बढ़ाने के लिए यूरिया या अन्य मिलावट चीजों की मात्रा।
कितनी मात्रा में शराब पी।
चुलौआ दारू में नशा बढ़ाने के लिए उसे कितनी देर तक छोड़ा।