बिहार में यहां बिछ रही नई रेलवे लाइन, बन रहे 7 नए ब्रिज, सुरंगों से होगा शानदार सफऱ
 

Bihar News :बिहार में इस रेल लाइन को लेकर आई बड़ी अपडेट सामने, इस साल के अंत तक पटरी पर दौड़ने लगेगी गाड़ी, इस रेलवे रूट का सफल होगा मनमोह लेने वाला बेहद खास।

 

Rajgir Kodarma Rail Route : भारत के राज्य बिहार में भारतीय रेलवे अपने रेल नेटवर्क को बढ़ाने के लिए कर रही कथित प्रयास, भारतीय रेलवे ने बिहार को इन्हीं दिनों में दी  तेरे लाइनों की सौगात, में रेल लाइनों की दी गई सौगात में से राजगीर कोडरमा रेल लाइन को लेकर आई ताजा अपडेट सामने, मिली अपडेट के मुताबिक आगामी वर्ष 2025 में इस रेल लाइन पर शुरू कर दिया जाएगा ट्रेनों का संचालन, बिहार में राजगीर से कोडरमा भाया तिलैय रेल मार्ग पर  राजगीर से तिलिया तक की दूरी 46 किलोमीटर है और तिलिया से कोडरमा तक की दूरी 64 किलोमीटर है।

बिहार की इस रेल लाइन पर है पिछले काफी वर्षों से ट्रेनों का संचालन चालू है, बिहार में तिलिया से लेकर खर्रौंदा तक 24 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण सालों पहले पूरा हो गया है, इस रेलवे रूट की सीआरएस और स्पीड ट्रायल भी रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा ली जा चुकी है।

कितना कार्य रहा बाकी

मिली जानकारी के मुताबिक धन्यवाद रेल डिवीजन द्वारा कोडरमा से लेकर झराही रेलवे स्टेशन तक 17 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, लेकिन अधिक जंगल और पहाड़ों के बीच से से होकर निकलने वाले इस रेलवे ट्रैक में 23 किलोमीटर का कार्य अभी बाकी है, इस बाकी कार्य को तेजी के साथ आगे बढ़कर के लक्ष्य तक पूरा करने की उम्मीद है, रेलवे बोर्ड के मुताबिक खरोन्द से जरही स्टेशन के बीच लगभग लगभग 10 किलोमीटर लंबे रेल्वे ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा कर लिया गया है।

टनल का भी काम तेजी से चल रहा है

बिहार में बन रही इस रेलवे लाइन में खरोन्द रेलवे स्टेशन से लेकर जमुंदाहा रेलवे स्टेशन के बीच 15 किलोमीटर का काम अभी बकाया है, इस बच्चे हुए रेलवे ट्रैक पर चार सुरंग और साथ ब्रिज का निर्माण होना है, इस रेलवे ट्रैक में 3:30 मीटर की दो सुरंग, 2.55 मीटर की एक सुरंग और 2.20 मीटर की सुरंग बनाई जाएगी, 3.30 मीटर लंबाई वाली सुरंग का 80 फ़ीसदी कम पूरा कर लिया गया है, बची हुई सुरंग का निर्माण कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है।

सात ब्रिज की निर्माण कार्य प्रणाली प्रगति पर

सात बड़े ब्रिज के निर्माण को लेकर भी काम प्रगति पर है. ब्रिजों का निर्माण कार्य दिसम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है. रेलवे अधिकारी का मानें तो जिस गति से काम चल रहा है और किसी तरह की रूकावट नहीं हुई तो मार्च 2025 तक राजगीर- कोडरमा भाया तिलैया रेलखंड पर रेलगाड़ियों का परिचालन हो सकता है.

कब मिली थी मंजूरी

ज्ञात हो कि राजगीर – कोडरमा भाया तिलैया रेलखंड की मंजूरी 2004 में मिली थी. इसके भूमि अधिग्रहण, किसानों के मुआवजा का भुगतान और वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने आदि में काफी समय लग गया. रेलवे के अनुसार इस रेलखंड का निर्माण चार फेज में शुरू किया गया. राजगीर – तिलैया रेलखण्ड को प्रथम फेज में रखा गया. खरौंद से झराही और जमूंदाहा रेलवे स्टेशन तक फैले वन क्षेत्र का अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने में हुई देरी का इसके निर्माण में बिलंब का बड़ा कारण है.

घने जंगलों और पहाड़ों के बीच से होकर गुजरेगी गाड़ी

पर्यटक स्थल राजगीर, नालंदा, पावापुरी, ककोलत आदि इस रेलखंड से सीधे जुड़ जायेंगे. तब झारखंड और पश्चिम बंगाल से राजगीर आने वाले पर्यटकों को काफी सहुलियत होगी. घनें जंगलों, पहाड़ों और सुरंगों से भरा पूरा इस रेलखंड पर पर्यटकों की यात्रा और भी आनंदित करने वाला होगा. घने जंगलों से गुजरती ट्रेन और चारों ओर हरी-भरी वादियां, जंगली जानवरों और जंगली पशु पक्षियों की कोलाहल सफर को और भी खुशनुमा बना देगा.