राजस्थान में बिछेगा सड़कों का जाल, इन जिलों में बनेंगे 408 किमी रोड़, ग्रामीणों का सुधरेगा यातायात
Rajasthan News : राजस्थान में सड़क विकास से जुड़ी योजनाएँ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। ये परियोजनाएँ राजस्थान में सड़कों और बुनियादी ढांचे के विकास पर दूरगामी प्रभाव डालेंगी। इस योजना के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं। राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने के लिए 408 किलोमीटर सड़कों का निर्माण मंजूर किया है।
Rajasthan government : राजस्थान में सड़क विकास से जुड़ी योजनाएँ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दिया कुमारी ने लगभग 408 किलोमीटर की लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत की ग्रामीण सड़कों को मंजूरी दी है। दिया कुमारी ने बताया कि बजट घोषणा में यह मंजूरी दी गई है, 2024-25 में यह स्वीकृति जारी की गई है। ये योजनाएँ बहुत फायदेमंद होंगी क्योंकि वे क्षेत्रीय विकास, यात्रा सुविधाओं और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे। इन सड़कों के निर्माण के लिए भी 150 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। आइए जानते हैं कि किन क्षेत्रों में ये सड़कें बनाई जाएंगी।
उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, और गांवों का शहरों से बेहतर संपर्क होने से किसान बड़े बाज़ारों में अपने उत्पादों को बेच सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलेंगे। इसके साथ ही वे शिक्षा, चिकित्सा और अन्य सरकारी सेवाओं का बेहतर लाभ ले सकेंगे।
किस जिले में कितनी सड़कें बनाई जाएंगी?
स्वीकृति से नागौर राज्य के खींवसर विधानसभा क्षेत्र में 27.81 करोड़ रुपए की लागत से 89.7 किलोमीटर की ग्रामीण सड़कें, देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र में 40.37 करोड़ रुपए की लागत से 86.1 किलोमीटर की सड़कें, झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में 26.32 करोड़ रुपए की 93.15 किलोमीटर की सड़कें, चौरासी विधानसभा क्षेत्र में 24 करोड़ रुपए की 40.3 किलोमीटर की सड़कें, मालपुरा विधानसभा क्षेत्र में 18.93 करोड़ की 29.73 किमी, तथा टोंक विधानसभा क्षेत्र में 2.2 करोड़ की लागत से 4.45 किलोमीटर लंबाई की ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।
प्रमुख परियोजनाएँ और स्वीकृत धनराशि
माण्डल-भीलवाड़ा-हरिपुरा से देवगढ़ (राजसमंद)
दूरी: 62 किलोमीटर।
योजना: सड़क को फोर लेन बनाने के लिए डीपीआर।
स्वीकृत राशि: 2 करोड़।
रामगंजमंडी रिंग रोड
योजना: रिंग रोड की डीपीआर।
स्वीकृत राशि: 1.25 करोड़।
प्रतापगढ़ पश्चिमी बाइपास
मार्ग: चित्तौड़गढ़ रोड से धरियावद रोड होते हुए बांसवाड़ा रोड तक।
योजना: अर्द्धचंद्राकार रिंग रोड की डीपीआर।
स्वीकृत राशि: 1 करोड़।
कोटड़ा से देवला रोड
योजना: चार लेन सड़क निर्माण की डीपीआर।
स्वीकृत राशि: 1.25 करोड़।
भरतपुर-अलवर मार्ग
योजना: सड़क को चार लेन बनाने की डीपीआर।
स्वीकृत राशि: 2 करोड़
मावली (उदयपुर) से नाथद्वारा वाया गुडली
योजना: सड़क विकास की डीपीआर।
स्वीकृत राशि: 1 करोड़।
कोटा-कैथून-धरनावदा मार्ग
मार्ग: सड़क को चौड़ा कर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बालापुरा जंक्शन से जोड़ना।
योजना: बायपास निर्माण की डीपीआर।
स्वीकृत राशि: 2 करोड़।