उत्तर प्रदेश के जिले में बन रहा है धनुष के आकार वाला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज, जनता के लिए कब खुलेगा, जानें

यूपी सरकार अब एमपी सीमा से सटे मारकुंडी क्षेत्र स्थित तुलसी जल प्रपात में धनुष के आकार वाला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज बना रही है। इस ग्लास ब्रिज के बनने के बाद तुलसी जल में पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगेगी।
 

UP News : यूपी में पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है तो इस दिशा में सरकार भी खूब इनवेस्ट कर रही है। कभी डकैतों की शरणस्थली रहा पाठा अब ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने का काम करेगा। विंध्य शृंखलाओं से घिरे प्राकृतिक सौंदर्य को सहेजे तुलसी जल प्रपात में जल्द ही यूपी का पहला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा। अक्तूबर तक इसके निर्माण की संभावना है।

यह धनुषाकार होगा। एमपी सीमा से सटे मारकुंडी क्षेत्र स्थित तुलसी जल प्रपात में 3.84 करोड़ की लागत से वन विभाग ब्रिज बना रहा है। तबरीबन 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा रॉक गार्डन, रेस्तरां और हर्बल प्लांट पार्क भी बन रहे हैं।

दो साल पहले तक इसे शबरी जल प्रपात के नाम से जानते थे लेकिन वन विभाग ने नाम बदलकर तुलसी जल प्रपात कर दिया। हालांकि नाम बदलने को लेकर काफी विरोध भी हुआ था। जल प्रपात में करीब 40 फीट की ऊंचाई से झरने का पानी नीचे गिरता है। पहले वाले के नीचे दूसरा कुंड भी है। दूसरे कुंड से निकली जलधारा जंगल में लुप्त हो जाती है।

पर्यटकों की संख्या में होगा इजाफा

एक समय था जब इस जल प्रपात के पास दिन में भी लोग जाने से डरते थे, क्योंकि उस दौरान दुर्दांतों ने ठिकाना बना रखा था। इनके सफाये के बाद पाठा पर्यटन का हब बन रहा है। रानीपुर रिजर्व टाईगर क्षेत्र बनने के बाद अब जल प्रपात के दिन बहुरे हैं। ग्लास स्काईवॉक ब्रिज बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।

रानीपुर रिजर्व टाइगर के उपनिदेशक पीके त्रिपाठी के अनुसार तुलसी जल प्रपात में धनुषाकार ग्लास स्काईवॉक ब्रिज बन रहा है। बहुत ही सूझबूझ तरीके से इसे बनाया जा रहा है। बनने के बाद बाहर से इंजीनियरों की टीम आकर इसकी मजबूती चेक करेगी। इसके बाद इसे पर्यटकों के लिए चालू कर दिया जाएगा। अगले माह तक ब्रिज तैयार होने की संभावना है।

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में खोले जाएंगे मॉडल स्कूल, इस वर्ग के बच्‍चों का होगा दाखिला