उत्तर प्रदेश के इस जिले में 92 किलोमीटर सड़क का होगा चौड़ीकरण, बनेंगे 3 बायपास

UP News : उत्तर प्रदेश की सीमा में लगती 92 किलोमीटर की सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। इस सड़क चौड़ीकरण के बाद उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश और झारखंड जाने वाले यात्रियों को बड़ी सहूलियत प्रदान होगी। इस 2 लाइन सड़क पर यातायात और वाहनों का दबाव काफी ज्यादा है इसलिए आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. 

 

Uttar Pradesh News : मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को झारखंड से जोड़ने वाला मार्ग उत्तर प्रदेश में 91.47 किलोमीटर की दूरी तय करता है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को झारखंड से जोड़ने वाला रीवा रांची सड़क मार्ग लगभग 91.47 किलोमीटर दूरी जिले की सीमा में है। रीवा रांची सड़क मार्ग पर वाहनों का यातायात काफी अधिक है. जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश और झारखंड के हिस्से में सड़क का चौड़ीकरण का काम पूरा कर लिया गया है. लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश में सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू नहीं हुआ है। इस 2 लाइन सड़क पर यातायात और वाहनों का दबाव काफी ज्यादा है इसलिए आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। 

डीपीआर होगी जल्द तैयार 

सर्वे के अनुसार, मार्ग पर पड़ने वाले चार निकायों की घनी आबादी को विस्थापन से बचाने के लिए अब जल्द ही इसकी डीपीआर बनाई जाएगी. दुद्धी और अनपरा में एक बाईपास रूट तय है, और रेणुकूट-पिपरी में तीन बाईपास रूट हैं, जिनमें से किसी से बाईपास गुजरेगा. डीपीआर में निर्धारित होगा कि इनमें से किसी रूट से बाईपास गुजरेगा।

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को झारखंड

रीवा-रांची राजमार्ग, जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को झारखंड से जोड़ता है, 91.47 किमी की कुल दूरी पर जिले से गुजरता है। इस सड़क पर वाहनों का बहुत अधिक दबाव है। मप्र और झारखंड में सड़कों को चौड़ी करने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी शुरुआत नहीं हुई है। यह एक टू लेन सड़क है, इसलिए हर दिन हादसे होते हैं। अनपरा से रेणुकूट और हाथीनाला तक का क्षेत्र सबसे खतरनाक है। जंगल के बीच से गुजरी सड़क अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होती है क्योंकि यह बहुत घुमावदार है। बीच सड़क पर दुर्घटना होने पर लंबे समय तक जाम भी लगता है। 

चौड़ीकरण 

लंबे समय से दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़कों को चौड़ी करने की मांग उठती रही है। अब इसकी प्रक्रिया तेज हो गई है। इसका कार्य थीम इंजीनियरिंग कंपनी को सौंप दिया गया है। फिलहाल, कंपनी ने शुरूआती सर्वे पूरा कर लिया है। इस मार्ग पर चार प्रमुख स्थान हैं: दुद्धी, रेणुकूट, पिपरी और अनपरा। बहुत से लोग हाईवे के किनारे रहते हैं। इनका विस्थापन चौड़ीकरण में होना चाहिए। सर्वे रिपोर्ट में इसका पूरा ध्यान रखते हुए तीन बाईपास की सिफारिश की गई है। 

रेणुकूट-पिपरी बाईपास

दुद्धी और अनपरा में दो बाईपास बनेंगे। रेणुकूट-पिपरी नगर को तीसरा बाईपास बनाया जाना है। सर्वे में रेणुकूट-पिपरी बाईपास के लिए तीन मार्ग प्रस्तावित किए गए हैं। सर्वे रिपोर्ट को मंजूरी देने के लिए सबसे आसान और आसान रास्ता चुनना चाहिए। डीपीआर बनाने की प्रक्रिया इसके बाद शुरू होगी। फोरलेन सड़क को बनाने के लिए मंत्रालय ने एक कार्यदायी संस्था को नामित किया है। उसने पहले सर्वे को लगभग पूरा कर लिया है। इसके अनुमोदन के बाद डिपीआर बनाया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। इसमें लगभग एक वर्ष लगने का अनुमान है।