झारखंड में मानसून कमजोर होने से किसानों को पहुंच रहा भारी नुकसान, बंजर हुए 86 प्रतिशत खेत

Agriculture Farmers :इस साल देश के विभिन्न राज्यों में मानसून कम होने के कारण धान की रोपाई पर गहरा असर पड़ा है। इन्हीं राज्यों में शामिल झारखंड में भी औसतन बारिश से  बहुत कम बरसात हुई है। आशंका जताई जा रही है राज्य में तीसरी बार सूखे का सामना करना पड़ सकता है।

 

Jharkhand Paddy Crop : देश के विभिन्न राज्यों में मनसूनी बारिश के कम होने से किसानों पर गहरा असर पड़ा है। राज्यों में कम बारिश की वजह से धान का रकबा काफी खाली पड़ा है। भारत देश की राज्य झारखंड में भी धान की खेती वाले लगभग 86 प्रतिशत खेत कम बारिश के कारण खाली रह गई है। इसी तरह से अगर समय पर बारिश नहीं हुई तो सूखे जैसी हालातो का सामना करना पड़ सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने बताया झारखंड के 24 जिलों में से चार जिलों में अभी तक धान की फसल की रोपाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। यह जुलाई महीना धान की फसल बोने के लिए आखिरी माना जाता है।

अधिकारियों ने बताया झारखंड में इस बार 47% बारिश कम हुई है। कम बारिश के कारण किसानों किसानों के चेहरों पर काफी चिंता है। किसानों द्वारा आशंका जताई जा रही है कि अबकी बार सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। झारखंड कृषि विभाग की बाय रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 2.43 लाख हेक्टेयर में धान की फसल बोई गई है। जो की 18 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य से बहुत कम है। इस अनुमान लगाया जा रहा है कि कृषि करने योग्य भूमि का सिर्फ 13.53 हिंदी सही बोया गया है।

झारखंड के पलामू, लातेहार, चतरा, और देवघर जिलों के इलाकों में अभी तक धान की  रोपाई नहीं हुई है। धान की फसल के अलावा मक्का, दलहन तथा तिलहन और मोटे अनाज सहित अनेकों खरीफ फसलों की स्थिति अलग है। खरीफ फसलों की बुवाई वाली कृषि योग्य भूमि का भी मात्र 19.77 प्रतिशत हिस्सा बोया गया है।

धान की सीधी बिजाई की सलाह

रांची कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉक्टर पीके सिंह ने बताया बरसात के रुझान बदल रहे हैं इसके साथ ही बिजाई का पैटर्न भी बदल रहा है। यदि हम पिछले के बरसात के आंकड़ों को माने तो  कह सकते हैं स्थिति अभी तक चिंताजनक नहीं है। हमें 8 से 10 दिन का इंतजार करना चाहिए। पिछले दिन हुई बारिश ने  अनु को कुछ राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा इस तरह किसी टट्टी से निपटने के लिए किसानों को रोपाई की बजाए की सीधी बुवाई करनी चाहिए।

अगले महीने में 15 दिन तक धान की बुवाई कर सकते हैं

झारखंड की राजधानी रांची के मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा पिछले एक सप्ताह से झारखंड में अच्छी बारिश हो रही है। उन्होंने बताया अगले हफ्ते तक की यह बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। झारखंड में अगस्त और सितंबर में अच्छी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक ने कहा हमें किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले 15 अगस्त तक इंतजार करना चाहिए। यहां पर किस अगस्त के मध्य तक भी धान की फसल रोपाई करते हैं।