हिमाचल में बनेगा 85 किलोमीटर का फोरलेन हाईवे, यात्रा में बचेगा 13 घंटे का समय

Expressway In India : देश में सड़कों और एक्सप्रेस वे का जाल बिछाया जा रहा है। देश में हाईटेक हाईवे और एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है। इसी कड़ी में देश में एक खास प्रोजेक्ट के तहत 85 किलोमीटर की लंबी सड़क का निर्माण जमीन के अंदर किया जाएगा। 

 

Four Lane Highway In Himachal Pradesh : देश में यातायात और लोगों की सहूलियत के लिए हाईटेक हाईवे और एक्सप्रेस वे का निर्माण युद्ध स्तर पर करवाया जा रहा है। देश की आर्थिक उन्नति के लिए अच्छी सड़क और यातायात का सुचारू रूप से होना बहुत जरूरी होता है। देश में 8 लेन, 4 लेन और एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में 85 किलोमीटर का फोर लाइन हाईवे जमीन के अंदर तैयार करवाया जाएगा। 

फोर लाइन हाईवे जमीन के अंदर तैयार करवाया जाएगा

इस एक्सप्रेसवे की खास बात यह होगी कि यह तय किलोमीटर की दूरी जमीन के अंदर की तय करेगा. देश में बनने वाले हाईटेक एक्सप्रेसवे की खास बात यह है कि इनमें ऑटोमेटिक टोल सिस्टम समेत कई अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश में आपदा से खराब हुए कई नेशनल हाईवे को अब चकाचक किया जाएगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से हिमाचल प्रदेश में आपदा से खराब हुए कई हाईवे पर शॉर्ट 68 सुरंग का निर्माण करवाया जा रहा है। इसी कड़ी में 11 टनल का कार्य पूरा भी हो चुका है.

केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त

इस फोरलेन परियोजना को NHAI ने केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त की है। 85 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग पर कई सुरंगें बनाई जाएंगी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया हिमाचल प्रदेश में कई राजमार्गों पर 68 सुरंगों का निर्माण करने जा रही है। इनमें से 11 टनल पूरा हो चुके हैं और 27 सुरंगों पर काम जारी है। फोरलेन हाईवे के निर्माण के लिए 50 प्रतिशत से अधिक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई गई हैं।

कीरतपुर-मनाली हाईवे पर पिछले साल हिमाचल प्रदेश में बारिश के दौरान कुल्लू और मंडी में सबसे अधिक नुकसान हुआ था। इसके अलावा, पिंजौर-नालागढ़ और पठानकोट-मंडी भी आपदा से प्रभावित हुए। हाईवे को हुआ नुकसान देखते हुए, NHAI को सर्वे करने के बाद सुरंग बनाने का सुझाव मिला। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इन सुझावों का पालन करते हुए फोरलेन के ज्यादातर हिस्से को टनल से गुजरने की योजना बनाई है।

इन सुरंगों के बनने से राज्य के सभी फोरलेन में 126 किलोमीटर की दूरी और 13 घंटे का सफर कम हो जाएगा। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और बारिश का कोई असर नहीं होगा। पठानकोट-मंडी, कालका-शिमाल, शिमला-मटौर, कीरतपुर-मनाली और पिंजौर-नालागढ़ राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हिमाचल प्रदेश में अभी भी जारी है। इन सड़कों पर 68 सुरंगें बनाई जा रही हैं। इनमें से 28 टनल कीरतपुर-मनाली हाईवे पर 41 किलोमीटर लंबे हैं।