राजस्थान में 8 नए का काम हुआ पूरा, जानें पूरी जानकारी

अब कुल 50 जिले और 10 संभाग हैं. विधानसभा चुनाव से पहले और भी कई जिलों-संभाग की स्थापना के लिए कवायद तेज है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस पर संकेत दिया है।
 

Rajasthan New Districts : राजस्थान के अस्तित्व में आने के बाद अब यह देश का तीसरा सबसे ज्यादा जिलों वाला प्रदेश बन गया है. यहां अब कुल 50 जिले और 10 संभाग हैं. विधानसभा चुनाव से पहले और भी कई जिलों-संभाग की स्थापना के लिए कवायद तेज है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस पर संकेत दिया है। वहीं, नए जिलों और संभाग के विकास के लिए काम करने वाली राम लुभाया कमेटी इन 50 जिलों के अलावा अन्य क्षेत्रों को जिला बनाने के लिए काम में जुटी है, इसलिए इस कमेटी का कार्यकाल भी 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

इस कमेटी के पास 32 शहरों और कस्बों को जिला बनाने का प्रस्ताव है. पिछले एक से डेढ़ महीने से इस पर काम चल रहा है। कमेटी ने 8 से 10 शहरों को जिला बनाने के लिए उपयुक्त माना है. वहीं, कई क्षेत्रों के प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों, मंत्रियों, और जनता की मांगों के आधार पर कमेटी को भेजा है। इस संदर्भ में चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के आगे मुख्यमंत्री गहलोत कई और जिलों की घोषणा कर सकते हैं।

सुजानगढ़ - जिला बनने की संभावना

चूरू जिले में स्थित सुजानगढ़ को राजस्थान के 10 सबसे विकसित शहरों में गिना जाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिवंगत नेता मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने सुजानगढ़ को जिला बनाने का आश्वासन दिया था। हालांकि, साल 2020 में उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनके बेटे मनोज मेघवाल ने उपचुनाव में जीत हासिल की। इसके बावजूद, नवगठित जिलों की सूची में सुजानगढ़ का नाम नहीं आने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

सूरतगढ़ - जिला बनने की संभावना

राजस्थान के सरहदी इलाके में स्थित सूरतगढ़ श्रीगंगानगर जिले में आता है। सूरतगढ़ से श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय 70 किलोमीटर दूर है। जबकि श्रीगंगानगर से अलग होकर बना नवगठित अनूपगढ़ जिला 78 किलोमीटर दूर है। सूरतगढ़ सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यहां एक तापीय ऊर्जा प्लांट भी है। हाल के दिनों में पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधू पूजा छाबड़ा ने सूरतगढ़ के जिला बनाने के खिलाफ अनशन पर बैठे थे, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें आश्वासन दिया और उनका अनशन तुड़वाया। ऐसे में सूरतगढ़ के जिला बनने की संभावना मजबूत है।

भिवाड़ी - जिला बनने की संभावना

राजस्थान के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी अब नवगठित खैरतल जिले में शामिल हो गया है। यहां पहले भिवाड़ी अलवर जिले में था। कांग्रेस से केकड़ी से आए तिजारा विधायक संदीप यादव का कहना है कि भिवाड़ी को भी अलग जिला बनाने की मांग है। हालांकि खैरतल-तिजारा की तर्ज पर भिवाड़ी को जिला बनाने का फैसला किया गया है, लेकिन सवाल यह है कि इसके मुख्यालय का स्थान कहां होगा? मौजूदा समय में भिवाड़ी में एसपी कार्यालय पहले से ही है और यहां चयनित 14 यूएटी की तर्ज पर भिवाड़ी इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथॉरिटी भी स्थित है, इसके अलावा यहां उद्योग विभाग और हाईवे के कार्यालय भी हैं, जिससे भिवाड़ी का दावा और मजबूत हो जाता है।

भीनमाल - जिला बनने की संभावना

राजस्थान के जालौर जिले में स्थित भीनमाल एक बड़े इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में जाना जाता है, और यहां सीमेंट उद्योग का प्रमुख केंद्र है। भीनमाल के पास बालोतरा और सांचौर नवगठित जिलों की सूची में शामिल हो गए हैं। हालांकि भीनमाल को भी जिला बनाने से रोका गया है। इसका एक मुख्य कारण यहां किसी बड़े राजनेता की मौजूदगी नहीं होना और किसी बड़े आंदोलन की अभावना है। हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत के दौरे के दौरान भीनमाल के लोगों ने उनसे भीनमाल को जिला बनाने की मांग रखी थी।

निंबाहेरा - जिला बनने की संभावना

चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित निंबाहेरा को जिला बनाने का विचार पुराने समय से ही है। यहां से सचिन पायलट के कट्टर समर्थक माने जाने वाले मुकेश भाकर विधायक हैं। उनके कहने के अनुसार, निंबाहेरा को जिला बनाने का आवश्यकता है।

लादनूना - जिला बनने की संभावना

राजस्थान के जीसीवीआर नगरपालिका क्षेत्र में स्थित लादनूना को भी जिला बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है। यहां के लोग यह मानते हैं कि यहां के विकास के लिए एक अलग जिले की आवश्यकता है और इसे सचिन पायलट द्वारा उठाया जाता है।

इन जिलों के बनने से यह स्पष्ट है कि राजस्थान में नवगठित जिलों की संख्या बढ़ाने का मनोबल तेज है और यह राजनीतिक दलों के बीच सरकार के खिलाफ बवाल की तरफ संकेत कर सकता है।

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