7th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग से पहले 2 बड़ी खुशखबरी, अब कर्मचारियों का बनेगा तगड़ा पैसा
7th pay commission : 7वें वेतन आयोग लागू हुए 10वें वर्ष है। हर दशक में सरकार एक नया वेतन आयोग बनाती है। कर्मचारी अब आठवें वेतन आयोग (8th CPC update) का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले सरकार कर्मचारियों को दो बड़े तोहफे देगी और उनका उत्साह बढ़ा देगी। इस बारे में नवीनतम अपडेट प्राप्त करें।
Saral Kisan, 7th pay commission : केंद्र सरकार ने जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी। अब तक, एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स ने नए वेतन आयोग की घोषणा का इंतजार किया है। सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को दो बड़े तोहफे देने जा रही है (new pay commission). वेतन बढ़ौतरी लागू होने में अभी समय लगेगा। इससे कर्मचारियों में उत्साह दिखाई देता है और पेंशनरों को भी फायदा होगा।
नवीन वेतन आयोग लागू होने में इतना समय लगेगा-
8वें वेतन आयोग (8वें वेतन आयोग) को बनाने के बाद लागू होने में 18 महीने तक का समय लग सकता है, कुछ विश्लेषकों का मानना है। 1 जनवरी 2026 के स्थान पर यह देरी से लागू हो सकता है। 7वें वेतन आयोग (7th CPC update) को 1 जनवरी 2016 में लागू किया गया था, इसलिए सरकार के 10 साल बाद वेतन आयोग को लागू करने के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए नया वेतन आयोग (8वीं वेतन कमीशन लागू) 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। लेकिन इसमें अभी बहुत समय लग सकता है।
कर्मचारियों को ये दो महत्वपूर्ण उपहार मिलेंगे:
कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग को लेकर कई महीने इंतजार करना पड़ सकता है। 2026 में जनवरी के बजाय अगस्त तक लागू होने का अनुमान है। केंद्रीय सरकार तब तक दो बार डीए दे सकती है। साल में दो बार कर्मचारियों का डीए बढ़ाया जाता है।
जनवरी 2025 से जून 2025 तक सरकार ने डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ातरी की है, जो 53 से 55 प्रतिशत (DA update) हो गया है। जुलाई से दिसंबर तक बढ़ौतरी और कर्मचारियों को डीए मिलना चाहिए। इसके अलावा, अगले वर्ष नए वेतन आयोग में देरी होती है तो 7वें वेतन आयोग के तहत एक अतिरिक्त डीए बढ़ौतरी मिल सकती है।
अगले साल भी कर्मचारियों को धन मिलेगा—
डीए अगले साल जुलाई तक 62 प्रतिशत तक पहुंच सकता है, इसलिए इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करना भी संभव है। इसलिए, नए वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों को वेतन बढ़ौतरी और डीए मर्ज की सुविधाएं मिल सकती हैं। कुल मिलाकर, इस साल और अगले साल कर्मचारियों को फायदा होगा।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी और पेंशन में बढ़ौतरी फिटमेंट फैक्टर (8th Pay Commission Fitment Factor) के आधार पर होती है। अंतिम रूप बेसिक सैलरी से गुणा करके बनाया जाता है। अब फिटमेंट फैक्टर और डीए मर्ज को जोड़कर नया फॉर्मूला बनाया जा सकता है।
एरियर कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा
हाल ही में सरकार ने जनवरी 2025 से जून 2025 के डीए को बढ़ाकर एक सौगात दी है। एरियर कर्मचारियों को इसका पता चलना तय है। अगर 8वें वेतन आयोग में देरी हुई तो इसके लिए भी 1 जनवरी 2026 से सरकारी कर्मचारियों को एरियर दिया जाएगा।
इसलिए अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, चाहे कभी भी लागू हो। 2026 के अगस्त महीने में लागू होने की कुछ जानकारों की राय है, जबकि अन्य लोगों की राय है कि 2027 में होगा। यह कब लागू होगा, यह सिर्फ समय ही बताएगा। इस पर अंतिम निर्णय सरकार का होगा। सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
बेसिक सैलरी में इतना बढ़ोतरी होगी—
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश 2.28 से 2.86 के बीच हो सकती है। इससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़ सकती है। फिलहाल, कर्मचारियों को बेसिक वेतन 18 हजार रुपये मिल रहा है, जो 50 हजार रुपये प्रति माह (बेसिक वेतन बढ़ाना) पहुंच सकता है।
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया की गति:
सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन की कोशिश कर रही है। इसी महीने इसे बनाया जा सकता है। अब आयोग के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति होनी बाकी है। इसके बाद इस पर काम किया जाएगा। पहले सरकार टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी देगी, फिर आयोग से सुझाव मांगने वाली रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी। इसके बाद सरकार आठवीं CPC सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लेकर उन्हें लागू करेगी।
यह फिटमेंट फैक्टर आवश्यक था:
महंगाई के कारण आठवें वेतन आयोग में पहले से अधिक फिटमेंट फैक्टर शामिल किए गए हैं। 7वें वेतन आयोग (सातवें वेतन आयोग) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन अब 2.86 है। इसलिए, नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के कर्मचारी पक्ष ने ToR (term of reference) के लिए अपनी सिफारिशें भेजी हैं। कर्मचारियों ने महंगाई को देखते हुए अधिक फिटमेंट फैक्टरों की आवश्यकता बताई है।
इन मंत्रालयों से सुझाव मांगे गए:
NC-JCM (नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी) ने सिर्फ 8 वीं CPC के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव की मांग की है, जो पेंशनरों और सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है। पे स्केल मर्जर की मांग भी सरकार को भेजी गई है। बता दें कि सरकार ने इस मामले में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT), रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से भी सुझाव मांगे हैं, ताकि नए वेतन आयोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।