उत्तर प्रदेश में 2 जिलों के बीच बनेगा 61 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे, 38 से ज्यादा गांव की जमीन होगी अधिग्रहण

UP News  : एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इन दो जिलों के बीच 61 किलोमीटर का लंबा फोरलेन हाईवे बनेगा। आपको बता दें कि इसके लिए केंद्र सरकार दो साल से कवायद कर रही है, लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन की गति काफी धीमी है.
 

Saral Kisan, UP : जनपद मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा से काशीपुर तक लगभग 61 किलोमीटर लंबे फोरलेन हाईवे का निर्माण होना है. इसके लिए केंद्र सरकार दो साल से कवायद कर रही है, लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन की गति काफी धीमी है. केंद्र सरकार ने इस सड़क का निर्माण के लिए चार हजार करोड़ बजट तय किया है. अब तक मुरादाबाद जिला प्रशासन ने 39 गांवों में सिर्फ चार का मूल्यांकन किया है.

यही वजह है कि खस्ताहाल सड़क का काम अटका पड़ा है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में जनवरी 2022 में कई सड़कों का शिलान्यास किया था. इसमें मुरादाबाद-काशीपुर की सड़क के फोर लेन भी प्रस्तावित थी. इस सड़क के निर्माण के लिए 4002 करोड़ रुपये आवंटित किया गया.

काशीपुर से मुरादाबाद के बीच एनएच के लिए कुल 195.9735 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना है. इसमें मुरादाबाद जिले के 200 किसानों की 73 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत होनी है. मुरादाबाद जिला प्रशासन ने 39 गांवों की जमीन को अधिग्रहण के लिए चिन्हित कर लिया है.

सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव के मुताबिक अभी 4 गांवों का आकलन कर मुआवजे के लिए सिफारिश भेजी गई है. सभी गांवों का आकलन होने में समय लगेगा. इसी तरह उत्तराखंड के हिस्से में 25 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है. वहीं काशीपुर (उत्तराखंड ) में भी जमीन के अधिग्रहण का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है. 

मुरादाबाद से ठाकुरद्वारा जाने वाली एनएच 734 के 18 किलोमीटर सड़क की मरम्मत करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने लोनिवि को जिम्मेदारी दी थी. इसके लिए एनएचएआई ने लोनिवि को सात करोड़ रुपये आवंटित किया था. लेकिन अभी भी टू लेन की सड़क जर्जर हालत में है. एनएचएआई इसी वजह से उसे अपने अधीन नहीं लेना चाहता है. दोनों विभाग एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं. विवाद का मामला कमिश्नर तक पहुंच गया है.

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