NCR के इस शहर में बसेंगे 6 लाख लोग, ये सिटी होगी सबसे खूबसूरत
Noida : नोएडा और दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के लिए जरूरी खबर। उत्तर प्रदेश में चल रही विकास योजनाओं में नया आयाम जुड़ जाएगा। नए नोएडा का मास्टरप्लान मंजूरी के लिए बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा। यह मंजूरी मिलने के तुरंत बाद 'न्यू नोएडा' के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा।
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार नए शहर न्यू नोएडा के लिए भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) करने की योजना बना रही है, जिसे गौतमबुद्ध नगर के विस्तार के रूप में विकसित किया जाएगा।
न्यू नोएडा की जरूरत क्यों-
नए शहर का मास्टरप्लान दिल्ली स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर (Delhi School of Architecture) ने तैयार किया है। करीब एक साल से स्कूल के विशेषज्ञ और नोएडा अथॉरिटी इस काम में जुटे हैं। सरकारी फाइलों में इसे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) के नाम से जाना जाता है। यह प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है और अब धरातल पर उतरने लगेगा।
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर और अमृतसर-कोलकता रेलवे कॉरिडोर इस इलाके में एक-दूसरे को काटेंगे। लिहाजा, यह पॉइंट देश का सबसे बड़ा कार्गो हब बन जाएगा। यहां उद्योग लगेंगे। करीब छह लाख लोग यहां काम करेंगे। इस आबादी, उद्योगों और वाणिज्यिक परियोजनाओं को एक मुकम्मल शहर की जरूरत होगी। इस इलाके में काम करने वाले लोग दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और ग्रेटर नोएडा से रोजाना यहां काम करने नहीं आ सकते हैं।
नया रियल एस्टेट निवेश क्षेत्र-
नोएडा प्राधिकरण ने गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) और बुलंदशहर जिलों के 86 गांवों में 21,000 हेक्टेयर कृषि भूमि की पहचान की है और इस जमीन पर नए शहर को विकसित करने की योजना तैयार की है। नोएडा प्राधिकरण ने इस साल के अपने बजट में पैसा आवंटित किया है। न्यू नोएडा में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस नए शहर से लगभग 6,00,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। नए नोएडा में लॉजिस्टिक्स हब, नॉलेज सेंटर, एकीकृत टाउनशिप और कौशल विकास केंद्र विकसित किए जाएंगे।
न्यू नोएडा में क्या-क्या होगा-
नए नोएडा उद्योगों, कार्यालयों, विश्वविद्यालयों और आवासीय उद्देश्यों के लिए समर्पित क्षेत्र बनेगा। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि इस शहर में 8,100 हेक्टेयर से अधिक भूमि उद्योगों के लिए रहेगी। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए 1,600 हेक्टेयर भूमि निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा 2,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवासीय परियोजनाओं के लिए आरक्षित की जाएगी।
यह होगा डेवलपमेंट मॉडल-
नोएडा प्राधिकरण न्यू नोएडा के लिए तीन डेवलपमेंट मॉडल तैयार कर रहा है। इसमें लाइसेंस मॉडल शामिल है, जैसा हरियणा के गुरुग्राम में अपनाया गया था। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का मॉडल है। जिसमें किसान से जमीन लेकर कीमत का भुगतान किया जाता है। इसके बाद अथॉरिटी भूखंड आवंटन करती है। तीसरा मिश्रित मॉडल है। जिसे लैंड पूलिंग कहा जाता है। इस नए शहर का मास्टरप्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) ने तैयार किया है।
इसमें कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और एफएमसीजी क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र शामिल होंगे। इस शहर के मास्टर प्लान का एक महत्वपूर्ण पहलू उपग्रह आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का कार्यान्वयन है, जो इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। न्यू नोएडा लगातार बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करेगा।
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