MP के इस शहर में अब बनेगी कचरे से गैस, 45 हजार घरों को होगा फायदा

देव गुराडिया में स्थित कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र और अवंतिका गैस एजेंसी की पाइपलाइन को इंजेक्शन के माध्यम से मर्ज किया गया है. इससे कचरे से उत्पादित गैस को घरेलू कामों में सीधे उपयोग किया जाएगा।

 

MP News : इंदौर, देश का सबसे स्वच्छ शहर, एक और बड़ा काम करने जा रहा है। वास्तव में, इंदौर नगर निगम की कचरा गाड़ी गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग स्थानों पर ले जाती है, फिर इन्हें देव गुराडिया में स्थित टचिंग ग्राउंड में ले जाया जाता है, जहां आप कचरे की मदद से गैस बनाते हैं।

अब खबर है कि देव गुराडिया में स्थित कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र और अवंतिका गैस एजेंसी की पाइपलाइन को इंजेक्शन के माध्यम से मर्ज किया गया है. इससे कचरे से उत्पादित गैस को घरेलू कामों में सीधे उपयोग किया जाएगा। इस संयंत्र से 15 से 17 टन गैस मिलेगी।

कुल मिलाकर, एक महीने में 4.5 टन गैस बनाई जाएगी, जो देश के माध्यम से शहर के लगभग 45 हजार घरों को उपलब्ध कराई जाएगी, जो 45 हजार सिलेंडर भर सकती है। एवर एनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट के एमडी व सीईओ महेश गिरधर ने बताया कि इंदौर में कचरे से गैस बनाने वाला देश का पहला प्लांट बनाया गया है।

वहीं, नगर निगम हर दिन 550 कचरा लेता है। यह पच्चीस दिन में 14-15 हजार टन गैस बनाता है। सिटी बस अभी तक कचरा गैस से चलती थी। लेकिन अब घरेलू गैस सिलेंडर में भी इसका उपयोग होगा। कम्पनी के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के बाद राज्य में भोपाल में दूसरा प्लांट लगाया जाएगा।

बताया जा रहा है कि वर्ष भर 20 संयंत्र बनाए जाएंगे, 8 उत्तर प्रदेश, 10 पंजाब और 1-1 दिल्ली व भोपाल में। दिसंबर 2024 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है। 550 टन कचरे से चालिस टन खाद भी बनाई जा रही है। नगर निगम ने इसका इस्तेमाल उद्यानों में किया है। इंदौर स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इंदौर की चर्चा जिस तरह से कचरा प्रयोग किया जा रहा है, उससे बहुत अधिक हो गई है।