Rajasthan में बनेगा 402 किलोमीटर का नया ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेसवे, व्यापार को लगेंगे पंख

New Greenfield Expressway : प्रदेश के आठ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस, जो मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में घोषित किए गए हैं, इन सभी कार्यों को समय से पहले पूरा करने की कोशिश है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले दो साल में परियोजना का धरातल दिखाई देगा। ध्यान दें कि जालोर-झालावाड़ परियोजना की संयुक्त कोस्ट 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है। डीपीआर बनाने पर काम की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।
 

Rajasthan News : जालोर-झालावाड़ ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेस वे सहित राज्य के आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है। डीपीआर कार्ययोजना इन सभी कोरिडोर के लिए तैयार हो चुकी है। योजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का कार्य 18 महीने में पूरा होना चाहिए, जैसा कि विभाग ने बताया है।

प्रदेश के आठ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस, जो मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में घोषित किए गए हैं, इन सभी कार्यों को समय से पहले पूरा करने की कोशिश है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले दो साल में परियोजना का धरातल दिखाई देगा। ध्यान दें कि जालोर-झालावाड़ परियोजना की संयुक्त कोस्ट 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है। डीपीआर बनाने पर काम की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।

अभी फाइल वित्त विभाग के पास

विभागीय सूचनाओं के अनुसार, इस महत्वपूर्ण परियोजना की फाइल फिलहाल वित्त विभाग के पास है। उस स्थान से स्वीकृति मिलने के बाद योजना को लागू करने का कार्य शुरू हो जाएगा। फिजिबिलिटी पहले स्तर पर जांची जाएगी और डीपीआर भी किया जा सकेगा। जालोर को राष्ट्रीय राजमार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी नहीं है। इससे सबसे अधिक नुकसान जालोर के ग्रेनाइट उद्योग, अनार मंडी और कृषि उत्पादों से जुड़े व्यापारियों को हो रहा है।

प्रदेश के बाकी 7 प्रोजेक्ट के लिए भी कवायद तेज

जालोर-झालावाड़ परियोजना के अलावा सात अन्य परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है। इसके अंतर्गत कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे, जयपुर-भीलवाड़ा, बीकानेर-कोटपूतली, ब्यावर-भरतपुर, अजमेर-बांसवाड़ा, जयपुर-फलौदी और श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे का डीपीआर बनाया जाएगा।

इस तरह की रूट कनेक्टिविटी प्रस्तावित

डीपीआर बनाया जाना है, लेकिन पहले सभी परियोजनाओं की प्रस्तावित रूट कनेक्टिविटी निर्धारित की जानी चाहिए। जो इस प्रकार है।

- जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे, जिसकी दूरी 402 किमी है, अमृतसर-जामनगर इकोनॉमी कोरिडोर से जुड़ा हुआ है, और झालावाड़ के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से जुड़ा हुआ है. इस रूट का एस्टीमेटेड कोस्ट 10 हजार 300 करोड़ रुपये है।

- कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस वे, जो 181 किमी लंबा है, पान्याला के निकट नेशनल हाइवे 148-बी में कोटपूतली से जुड़ता है. किशनगढ़ में नेशनल हाइवे 48 और नेशनल हाइवे 448 के इंटरचेंज पर है।

- बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे की एस्टीमेटेड कोस्ट 6301 करोड़ रुपये है. इस मार्ग की दूरी 295 किमी है, जो पान्याला मोड पर नेशनल हाइवे 148-बी से बीकानेर में नेशनल हाइवे-11 और नेशनल हाइवे 62 के इंटरसेक्शन से मिलती है।

- जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस वे, जिसकी लंबाई 193 किमी है और स्टेेट हाइवे-12 से जयपुर रिंग रोड से शुरू होकर भीलवाड़ा में भीलवाड़ा बाइपास तक जाती है, का प्रोजेक्ट कोस्ट 4696 करोड़ रुपये है।

- नेशनल हाइवे-58 ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस वे को ब्यावर से भरतपुर में नेशनल हाइवे-21 तक जोड़ने का प्रस्ताव है। 342 किमी लंबे प्रस्तावित मार्ग का प्रोजेक्ट कोस्ट 8339 करोड़ है।

- अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे, जो अजमेर से बांसवाड़ा तक 358 किमी है और जयपुर-किशनगढ़-अजमेर-जोधपुर के नए प्रस्तावित रूट से जुड़ा हुआ है. नेशनल हाइवे 927ए पर सलिया गांव के पास प्रस्तावित इस रूट का प्रोजेक्ट कोस्ट 8934 करोड़ रुपये है।

- जयपुर-फलोदी एक्सप्रेस वे का प्रोजेक्ट कोस्ट 345 किमी है, जिसमें ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे एक छोर पर जयपुर के निकट रिंग रोड से और दूसरे छोर पर फलौदी शहर के नेशनल हाइवे-11 से कनेक्ट होगा।

- अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे, जो अजमेर से बांसवाड़ा तक 358 किमी है और जयपुर-किशनगढ़-अजमेर-जोधपुर के नए प्रस्तावित रूट से जुड़ा हुआ है. नेशनल हाइवे 927ए पर सलिया गांव के पास प्रस्तावित इस रूट का प्रोजेक्ट कोस्ट 8934 करोड़ रुपये है।