MP से राजस्थान तक बिछेगी 262 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन, 2025 में हो जाएगी तैयार, इन 13 शहरों को लाभ

MP News : रेल नेटवर्क के मामले में बाढ़ दुनिया में चौथे नंबर पर आता है। रेलवे का सफर आरामदायक सुविधाजनक और पॉकेट फ्रेंडली होता है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी वाली खबर सामने आ रही है। 

 

Rajsthan New Railway News : दुनिया में चौथे नंबर पर भारत का रेलवे नेटवर्क है। हर दिन लाखों करोड़ों यात्री भारतीय रेलवे में एक स्थान से दूसरे स्थान का सफर तय करते हैं। भारत में रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 1,26,366 किलोमीटर है। रेलवे ट्रैक का हर वर्ष विस्तार तेजी से किया जा रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों में कई नई लाइन प्रस्तावित हैं। इनमें से कई लाइन पर तो काम भी चालू कर दिया गया है। 

22 सालों का इंतजार हुआ कम

बता दें कि मध्य प्रदेश के भोपाल रामगंज मंडी रेलवे लाइन को 2000-2001 रेल बजट में मंजूरी मिली थी। मध्य प्रदेश और राजस्थान की जनता 22 सालों से इसे लाइन का इंतजार कर रही थी। यह रेलवे लाइन 262 किलोमीटर लंबी है। इससे लाइन का काम बड़ी तेजी से किया जा रहा है। इस 262 किलोमीटर लंबी रेल लाइन में 114 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बना दिया गया है।

मध्य प्रदेश व राजस्थान के इन जिलों का होगा फायदा 

मध्य प्रदेश व राजस्थान इन 13 शहरों को लाभ भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन का निर्माण पूरा होने से मध्य प्रदेश के राजगढ़, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, कुरावर, श्यामपुर, मुबारकगंज और दोराहा जिले सबसे अधिक लाभ उठाएंगे। वहीं राजस्थान में घाटोली, इकलेरा, जूनाखेड़ा, झालरा पाटन और रामगंजमंडी के लोगों को भी लाभ मिलेगा। अकेले राजगढ़ जिले में रहने वाले 19 लाख से अधिक लोगों को दो साल के अंदर भोपाल, सीहोर और राजस्थान के कोटा से रेलवे द्वारा जोड़ा जाएगा।

लवे प्रोजेक्ट समरी के अनुसार, इस रेलवे लाइन की शुरुआत में लागत 424 करोड़ रुपये थी, जो बाद में 2909 करोड़ रुपये और 3032.46 करोड़ रुपये हो गई। इस रेलवे लाइन को मार्च 2021 तक पूरा करने का मूल लक्ष्य था, लेकिन इसे बदलकर दिसंबर 2025 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। हालाँकि, रेलवे लाइन का 68 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और काम तेजी से जारी है।

बता दें कि यह रेलवे लाइन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी. इस पर 4 मेन ब्रिज, 24 छोटे पुल, 2 रेलवे ओवरब्रिज और दो सुरंग होंगी. भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन के ट्रैक को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि इस पर 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकें.