उत्तर प्रदेश में यहां बन रही 240 किलोमीटर की नई रेल लाइन, कई जिलों को लोगों हुई मौज
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उत्तर प्रदेश के बहराइच और खलीलाबाद के बीच नई रेल लाइन को मंजूरी दी गई थी.
UP New Railway Line : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उत्तर प्रदेश के बहराइच और खलीलाबाद के बीच नई रेल लाइन को मंजूरी दी गई थी. यह रेल लाइन भींगा, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला, डुमरियागंज, मेहदावलऔर बंसी से होकर गुजरेगी। इस बड़ी लाइन की कुल लम्बाई 240.26 किलोमीटर होगी।
रेल परियोजना की अनुमानित लागत 4939.78 करोड़ रुपये है।उत्तर-पूर्वी रेलवे का हिस्सा बनने जा रही यह रेल लाइन 2024-25 तक बनकर तैयार हो जाएगी।परियोजना से जुड़ी निर्माण गतिविधियों के दौरान यह 57.67 लाख मानव दिवस के रूप में प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी।
नई रेल लाइन क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक महत्व वाले औद्योगिक विकास को बुनियादी आधारभूत संरचना उपलब्ध कराएगी।इसके साथ ही यह परियोजना बड़ी लाइन के जरिए क्षेत्र के आर्थिक विकास में मददगार बनेगी। यह बहराइच-खलीलाबाद के बीच वैकल्पिक रेल मार्ग के साथ हीसीमावर्ती जिलों को एक दूसरे से जोड़ेगी।
यह रेल लाइन गौतमबुद्ध के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पर्यटन और तीर्थस्थल श्रावस्ती जिले के भींगा से होकर गुजरेगी। श्रावस्ती जैन धर्म केमतावलम्बियों का एक महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र भी है। ऐसी मान्यता है कि यहां स्थिति शोभानाथ मंदिर तीर्थंकर संभवनाथ की जन्म स्थली है। बलरामपुर के नजदीक तुलसीपुर में स्थित देवीपाटन मंदिर मां दुर्गा के 51 प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। ऐसे में नई रेल लाइन से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इस रेल लाइन से परियोजना क्षेत्र में पड़ने वाले इलाकों के स्थानीय निवासियों को रेल सेवा उपलब्ध होने के साथ ही वहां के लघु उद्योगों को भी विकसित होने में मदद मिलेगी। नीति आयोग द्वारा चिन्हित किए गए 115 आकांक्षी जिलों में से 4 इस परियोजना क्षेत्र में हैं। इन जिलों में बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थ नगर शामिल है। ऐसे में इस रेल परियोजना को क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी माना गया है।
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