उत्तर प्रदेश में यहां तक बनेगा 16 किमी का नया एक्सप्रेसवे, बिछेगी रेलवे लाइन, लॉजिस्टिक वेयरहाऊसिंग, कार्गो के लिए फायदा
Saral Kisan, UP : जेवर एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य दिन-रात तेजी से चल रहा है ताकि तय समय सीमा पर ये बनकर तैयार हो जाए. यमुना अथॉरिटी विकास योजनाओं को लागू करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में यमुना अथॉरिटी ने जेवर एयरपोर्ट से बुलंदशहर के चोला रेलवे स्टेशन तक 16 किलोमीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा एक्सप्रेस-वे बनाने का प्लान तैयार कर लिया है. इतना ही नहीं इसके साथ एयरपोर्ट से रेलवे लाइन को भी चोला तक जोड़ा जाएगा. जिससे व्यापार में तेजी आएगी.
दोनों तरफ लॉजिस्टिक और वेयरहाउस के सेक्टर होंगे
आपको बता दें कि कुछ समय पहले बुलंदशहर विकास प्राधिकरण और खुर्जा विकास प्राधिकरण के 55 गांव को यमुना प्राधिकरण में शामिल किया गया था. जिससे कि यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र का विस्तार हो गया था. जेवर एयरपोर्ट से चोला की दूरी करीब 16 किलोमीटर है. इस नए बनने वाले एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ लॉजिस्टिक और वेयरहाउस के सेक्टर विकसित किए जाएंगे. जिससे कि एक्सप्रेसवे के द्वारा यह सारे सेक्टर जेवर एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगे.
इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण खुद यमुना प्राधिकरण के द्वारा ही किया जाएगा और साथ ही दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग जो कि चोला रेलवे स्टेशन से होकर गुजरता है, उसको भी जयपुर से जोड़ा जाएगा. ताकि व्यापार में किसी तरीके की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़ सके. चोला रेलवे स्टेशन से अमृतसर -हावड़ा रेलवे लाइन होकर गुजरती है. जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य काफी तेज चल रहा है. यह एयरपोर्ट भारत का ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है. इसीलिए इस कॉरिडोर में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक की अपार संभावना है.
वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक के लिए जरूरी है कि एक रेलवे हेड भी होना चाहिए. इसलिए एयरपोर्ट से चोला रेलवे स्टेशन में जोड़ने के लिए एक एक्सप्रेस वे तैयार किया जाएगा. जिसके साथ ही रेल लाइन भी बनाई जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी मार्श नाम की कंपनी को दी गई है जो कि 2041 का मास्टर प्लान को रिवाइज कर रही है. यह कंपनी अगले 15 दिनों में रिपोर्ट तैयार करके डीपीआर सौंप देगी. इसके बाद 100 मीटर चौड़ा और 16 किलोमीटर लंबा जो एक्सप्रेसवे बनेगा जो यमुना प्राधिकरण बनाएगी.
इसका टेंडर जुलाई के आखिर तक निकाल दिया जाएगा और रेल हेड के लिए भारत सरकार रेलवे मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा. डेडिकेटेड कॉरिडोर को एयरपोर्ट से जोड़ा जाए ताकि कार्गो के लिए नई संभावनाएं देखने को मिले. इस एक्सप्रेस से बनने से लॉजिस्टिक वेयरहाऊसिंग और कार्गो के लिए फायदा होगा और एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल हब भी देखने को मिलेगा.
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