MP और गुजरात के बीच 244 हेक्टेयर जमीन पर बीछेगी 157 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, इंदौर दाहोद रेलवे ट्रैक से होगी लिंक

Indian Railway : धार और इंदौर को सीधे गुजरात से जोड़ने वाली छोटा उदयपुर-धार परियोजना में आ रही अड़चनें खत्म होती जा रही हैं। कभी बजट तो कभी जमीन की कमी के कारण यह परियोजना 16 साल तक अटकी रही। हालांकि अब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से 8 जुलाई को धार और अलीराजपुर जिले की 244 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्सन के लिए पहले चरण की अनुमति मिल गई है। 
 

Indian Railway : धार और इंदौर को सीधे गुजरात से जोड़ने वाली छोटा उदयपुर-धार परियोजना में आ रही अड़चनें खत्म होती जा रही हैं। कभी बजट तो कभी जमीन की कमी के कारण यह परियोजना 16 साल तक अटकी रही। हालांकि अब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से 8 जुलाई को धार और अलीराजपुर जिले की 244 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्सन के लिए पहले चरण की अनुमति मिल गई है। दूसरी अनुमति मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण के साथ ही जमीन पर काम तेजी से शुरू होने की संभावना है।

तत्कालीन अलीराजपुर कलेक्टर ने 2017 में वन भूमि को राजस्व बताकर रेलवे को आवंटित किया था। गड़बड़ी के कारण रेलवे को नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी। गलत रिपोर्ट देने वाले कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई प्रस्तावित है।

धार जिले के 39 गांवों की 237.385 हेक्टेयर वन भूमि और अलीराजपुर की 6.654 हेक्टेयर वन भूमि पर यह परियोजना मूर्त रूप लेगी। दरअसल, इस परियोजना की नींव 2008 में रखी गई थी। नए एलाइनमेंट के मुताबिक 157 किलोमीटर लंबी यह परियोजना अब धार के पास माफ़ीपुरा की जगह तिरला में इंदौर-दाहोद रेलवे लाइन से जुड़ जाएगी, जिससे लंबाई 12 किलोमीटर कम हो जाएगी। इसके चलते रेलवे को जमीन अधिग्रहण करना पड़ रहा है।