सोनभद्र में 300.55 हेक्टेयर जमीन बनेगा 1200 मेगावाट की पंप स्टोरेज पावर प्लांट, योगी सरकार से मिली सैद्धांतिक मंजूरी
 

UP News : उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर कंपनियां निवेश कर रही है. इसी कड़ी में टीएचडीसी इंडिया 6600 करोड रुपए का निवेश उत्तर प्रदेश में करने वाली है। इस योजना के लिए 300.55 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ने वाली है. 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 6600 करोड रुपए बड़ा निवेश होने वाला है. यूपी के सोनभद्र जिले में टीएचडीसी  इंडिया 6600 करोड़ में 1200 मेगावाट पंप स्टोरेज का पावर प्लांट लगाने वाली है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोनभद्र जिले के रॉबर्टसगंज तहसील में पंप स्टोरेज पावर प्लांट योजना को स्वीकृति दे दी है। इस योजना से हर दिन 6 घंटे 36 मिनट बिजली पैदावार होने की संभावना है। THDCI India ने बताया कि यह एक ऑफ-स्ट्रीम क्लोज्ड-लूप पंप स्टोरेज परियोजना है। इस परियोजना में 300.55 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ने वाली हैं। 

उत्तर प्रदेश में विद्युत अवसंरचना को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

परियोजना के शुरूआती भरने में 15.031 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी की आवश्यकता होगी, और वाष्पीकरण से होने वाली हानि के कारण 1.7112 एमसीएम पानी की आवश्यकता होगी। सोन नदी जलापूर्ति का स्रोत होगी। मुख्य सचिव एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश में विद्युत अवसंरचना को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और राज्य की प्रतिबद्धता को स्थायी ऊर्जा समाधानों के प्रति दिखाती है। 

परियोजनाओं की सैद्धांतिक मंजूरी

इन्वेस्ट यूपी को उत्तर प्रदेश में पंप स्टोरेज पावर (पीएसपी) परियोजनाओं की सैद्धांतिक मंजूरी देने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। आईआईडीसी की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के सीईओ को मेंबर सेक्रेटरी बनाकर एक समिति बनाई गई है। इस समिति में ऊर्जा, सिंचाई, वन, राजस्व, केंद्रीय जल आयोग और उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल हैं।

आठ परियोजनाएं सोनभद्र में होंगी

यूपी सरकार ने अब तक दस पीएसपी संयंत्रों को सैद्धांतिक अनुमति दी है। इनमें से आठ परियोजनाएं सोनभद्र में होंगी, जबकि एक संयंत्र चंदौली और मिर्जापुर जिलों में बनाया जाएगा। सोनभद्र में स्थापित परियोजनाओं से 14,450 मेगावाट बिजली का सामूहिक उत्पादन होगा, जबकि मिर्जापुर में 900 मेगावाट और चंदौली में 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।