उत्तर प्रदेश के जिला अस्पतालों में की जाएगी 117 प्रकार की जांचें, मरीजों को राहत
Saral Kisan : आगामी दिनों में मरीजों को बहुत सी स्वास्थ्य जांचों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें निजी जांच केंद्रों की खोज में भी भागना नहीं होगा। इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (आईपीएचएल) को प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में शुरू किया जाएगा। इन लैबों में 117 प्रकार की जांचें की जा सकती हैं। इनमें से कई जांच अभी इन अस्पतालों में नहीं होती हैं। कोरोना संकट के बाद राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
कोविड ने राष्ट्रीय-राज्यीय स्वास्थ्य सेवाओं को हिला दिया था। तब से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस श्रृंखला में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट शामिल हैं। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम अभीम) ने बहुत कुछ किया है। इसमें अब सभी जिला अस्पतालों में खुली हुई इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब भी शामिल है। इन लैबों के खुलने के बाद मरीजों को दौड़ने की आवश्यकता नहीं होगी, न ही सैंपल बाहर भेजने की आवश्यकता होगी।
इन लैबों के उद्घाटन के बाद, हर जिला अस्पताल में क्लिनिकल पैथालॉजी, हीमेटोलॉजी और हिस्टोपैथालॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायलॉजी से जुड़ी लगभग सभी जांचों को करने की अनुमति मिलेगी।
टीबी से पीड़ित लोगों को डायबिटीज की जांच कराएं, ब्रजेश उत्तर प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। टीबी के सभी मरीजों को एचआईवी और मधुमेह की जांच कराई जाएगी। इससे टीबी मरीजों में बीमारी की शुरुआत में संक्रमण को पकड़ने में मदद मिलेगी। बीमारी को नियंत्रित करने में भी सफलता मिलेगी। बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल संस्थानों को सभी की जांच कराने का आदेश दिया।
डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी का इलाज और जांच सभी सरकारी अस्पतालों में फ्री है। अब हर टीबी मरीज की डायबिटीज और एचआईवी की जांच होगी। टीबी पीड़ित लोगों की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। उनका शिकार आसानी से दूसरी बीमारियां हो सकती हैं।
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