उत्तर प्रदेश के इस एक्सप्रेस-वे किनारे बसेंगे 11 नए औद्योगिक शहर, इन जिलों को होगा तगड़ा फायदा

सभी एक्सप्रेस वे के लिए अलग-अलग प्रोफाइल और ध्यान देने वाले क्षेत्र बनाए गए हैं। इसी आधार पर निवेश भी बांटा गया है। औद्योगिक गलियारों में गंगा एक्सप्रेस सबसे समृद्ध होगा।

 

Saral Kisan News : उन्होंने एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक शहरों को बसाने की घोषणा भी कर दी है, जिससे उनका चित्र स्पष्ट हो गया है। अधिकांश औद्योगिक नगर कॉरीडोर गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे होंगे। दूसरे नंबर पर छह औद्योगिक शहर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जाएंगे। तीसरे स्थान पर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे रहेंगे, जो पांच शहरों को शामिल करेंगे। गोरखपुर में केवल दो औद्योगिक नगर विकसित होंगे। 23 जिलों के 84 गांवों को पहले ही सूचीबद्ध किया गया है।

सभी एक्सप्रेस वे के लिए अलग-अलग प्रोफाइल और ध्यान देने वाले क्षेत्र बनाए गए हैं। इसी आधार पर निवेश भी बांटा गया है। औद्योगिक गलियारों में गंगा एक्सप्रेस सबसे समृद्ध होगा। मेरठ, हापुड़, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज सहित कुल ग्यारह औद्योगिक शहर इसमें शामिल होंगे। मालूम होता है कि गंगा एक्सप्रेस वे अभी तक 25% से अधिक तैयार है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर छह औद्योगिक नगर बनाए जाएंगे। चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन और औरैया में ये औद्योगिक क्षेत्र बढ़ेंगे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पांच औद्योगिक शहर बनाए जाएंगे: आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, कन्नौज और कानपुर। पूर्वांचल राजमार्ग पर छह औद्योगिक शहर चुने गए हैं। इनका विकास लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, गाजीपुर और अम्बेडकरनगर में होगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर दो औद्योगिक शहर गोरखपुर और अम्बेडकरनगर विकसित किए जाएंगे।


29 जिलों की 30 तहसीलों पर प्रस्तावित औद्योगिक गलियारा बनाया जाना है। इसमें अम्बेडकरनगर की दो तहसीलों शामिल हैं। औद्योगिक गलियारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के सभी छह जिलों की छह तहसीलों पर बनाया जाएगा। औद्योगिक शहरों में फार्मा, टेक्सटाइल, वेयर हाउस, लॉजिस्टिक, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, होजरी, खाद्य प्रसंस्करण, दवा, आईटी, भारी उद्योग और मशीनरी पार्क होंगे

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