देश में हाइब्रिड कारों की बिक्री 2 साल में दोगुनी हुई, पेट्रोल की बिक्री में 9% की कमी आई

Automobile Industry :देश में बिकने वाली हर पांचवीं कार अब सीएनजी, इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड है। दो साल में इन कारों की हिस्सेदारी 9.29% से दोगुनी होकर 19.23% हो गई। ऑटोमोटिव बिजनेस इंटेलिजेंस फर्म जाटो डायनेमिक्स के मुताबिक, इस दौरान पेट्रोल मॉडल की हिस्सेदारी में 9% की गिरावट आई।
 

Automobile Industry : देश में बिकने वाली हर पांचवीं कार अब सीएनजी, इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड है। दो साल में इन कारों की हिस्सेदारी 9.29% से दोगुनी होकर 19.23% हो गई। ऑटोमोटिव बिजनेस इंटेलिजेंस फर्म जाटो डायनेमिक्स के मुताबिक, इस दौरान पेट्रोल मॉडल की हिस्सेदारी में 9% की गिरावट आई। देश में हाइब्रिड कारों की बिक्री ईवी के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (HEV) की बिक्री में 38% की बढ़ोतरी हुई। इन कारों की बाजार हिस्सेदारी 2.1% तक पहुंचने का अनुमान है। 

ईवी की बिक्री में 0.2% की मामूली गिरावट आई। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनियां लोकप्रिय मॉडलों के सीएनजी वेरिएंट भी लॉन्च कर रही हैं। टाटा नेक्सन और किआ सोनेट सीएनजी मॉडल लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं, इस ट्रेंड में तेजी आने की उम्मीद है, मारुति सुजुकी के अनुसार, 2030 में कंपनी द्वारा बेची जाने वाली कुल कारों में से 15-20% इलेक्ट्रिक होंगी और करीब 25% हाइब्रिड वेरिएंट होंगी। ईवी बाजार में 73% हिस्सेदारी रखने वाली टाटा के अनुसार, देश में ईवी की हिस्सेदारी 2030 तक 20% तक पहुंच जाएगी, जो अभी 2% है।

देश की ऑटो कंपनियां 2030 तक पर्यावरण अनुकूल तकनीक और नए उत्पाद विकसित करने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगी

देश की कार निर्माता कंपनियों ने अगले कुछ सालों में तकनीक पर शोध के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बनाई है। इन कंपनियों ने कहा है कि वे देश में उत्पाद विकास, क्षमता निर्माण और पर्यावरण अनुकूल तकनीक के क्षेत्र में निवेश करेंगी। मारुति सुजुकी 2030 तक नई तकनीक पर

1.25 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। टाटा मोटर्स के मुताबिक, वह वित्त वर्ष 2030 तक अपनी ईवी शाखा में 16 से 18 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। झुंडई मोटर इंडिया ने अगले 10 सालों में 32 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। महिंद्रा एंड महिंद्रा 3 सालों में 12 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी।