धान में पानी की कमी बढ़ा रही किसानों की चिंता, सूखने लगी फसल

Chitrakoot News :फिलहाल खरीफ फसल का सीजन चल रहा है। धान को सीजन की मुख्य फसल माना जाता है। धान की बुवाई का सीजन जून में शुरू हो जाता है और यह अगस्त के पहले सप्ताह तक चलता है। लगभग सभी किसानों ने अपने खेतों में धान की रोपाई कर दी है। परंतु कम बरसात की वजह से उत्तर प्रदेश के पाठा इलाके में धान की फसल सूखने लगी है। समय पर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने की वजह से किसने की चिंता बढ़ती जा रही है।

 

Dhaan ki fasal : धान की रोपाई का पहले चरण लगभग पूरा कर लिया गया हैं। अब किसानों द्वारा फसल में पानी  तथा खाद देने का काम किया जा रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश के  चित्रकूट जिले में मानिकपुर तहसील इलाके के अगरहुंडा गांव के किसान बिजली की समस्या को लेकर धान की फसल में सही समय पर सिंचाई न होने की वजह से काफी चिंतित है।

किसानों ने बताया कि लाइट की परेशानी काफी बनी हुई है। खेतों में लगे हुए ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे हैं, जिसके कारण उनके खेत में रोपाई की गई धान की फसल बिना पानी के सुख रही है। जिसका अंजाम हमें आगे तक भुगतना पड़ेगा। आगे चलकर रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो सकता है।

अगरहुंडा गांव के एक किसान ने बताया  कि गांव में बिजली की समस्या होने के कारण हमारे धान की फसल में सिंचाई नहीं हो पा रही है। उनका कहना है जो मिडिल क्लास के किस है, उन्होंने अपनी धान की फसल में 10 से 15 हजार रुपए खर्च किए हैं। बीना सिंचाई के उनके फैसले सूख रही है। जिसे लेकर वह  अब काफी चींटी तो नजर आ रहे हैं।

किसानों ने कहा कि 24 घंटे बिजली सेवा देने की बजाय 8 से 9 घंटे मिल रही है। और उसी को बीच में फाल्ट के नाम पर काट लिया जाता है। उन्होंने बताया कि समय पर सिंचाई नहीं होने के कारण धान की फसल इतनी पीछे हो गई है कि अब अगली फसल बोलने के लिए किसान को सोचना भी पड़ेगा। उनका कहना है कि अगर दान की फसल अच्छी नहीं हुई तो मजबूरी में उनका रोजी-रोटी के लिए अन्य राज्यों में कमाने जाना पड़ेगा।

इस पूरी समस्या पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ट्रांसफार्मर लाइनों में खराबी के कारण विद्युत सप्लाई में थोड़ी परेशानी आ रही है। जल्द ही इस समस्या का समाधान कर किसानों तथा आम जनता को सही समय बिजली व्यवस्था उपलब्ध करवा दी जाएगी।