ये फूल खेत में खोज-खोजकर ख़त्म करे देगा गाजर घास, कभी भी नहीं आएगा नजर, किसान करें ट्रॉय

Benefit Of Marigold Flower : परंपरागत खेती को छोड़  किसान आजकल टेक्निकल खेती की ओर हो रही ज्यादा आकर्षित, उनके लिए लेकर आए हम अच्छी खबर, गेंदे का फूल का प्रयोग हर जगह किया जाता है, और बाजार में गेंदे के फूल की कीमत भी अच्छी मिलती है, गेंदे की खेती करने से आपके खेत में उगने वाला खरपतवार गाजर घास को भी फैलने से रोकने में काफी मदद करता है।

 

Gajar Ghas : अगर हम बात करें गाजर घास की तो गाजर घास एक ऐसा घास है जो एक बार जमीन में उग जाने से जल्दी नष्ट नहीं होता और और भूमि को बंजर बना देता है, यह घास  पशुओं और मनुष्य के लिए भी बीमारी का घर होता है, गाजर घास से निजात पाने के लिए किसान करें अपने खेत में गेंदे के फूल की खेती, गेंदा फूल के पौधे लगाकर इस खरपतवार को फैलने से रोक सकते हैं।

गाजर घास एक ऐसा घास है जिसका फैलाव बहुत तेजी से होता है, एक बार एक पौधा उगने पर ही थोड़े ही समय बाद पूरे खेत को जंगल बना देता है, अगर हम खेती किसानी की बात करें तो गाजर घास एक हानिकारक खरपतवार में आता है, और जल्दी से नष्ट भी नहीं होता, इसलिए इसका इलाज सिर्फ और सिर्फ गेंदे के पौधे लगाकर इस हानिकारक घास को फैलने से रोक सकते हैं, गेंदे के पौधे लगने से गंदे के पौधे जमीन पर पूरी तरह फैल जाते हैं जिस वजह से यह घास जमीन में उग कर गेंदे की फसल के नीचे दबकर बीज लेने से पहले नष्ट हो जाता है, जिस वजह से आपके खेत से पूरी तरह गाजर घास हो जाएगा गायब।

गेंदे की खेती करने से आप एक तरफ तो अपने घर की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं, वही अगर हम बात करें तो इसकी खेती अच्छा मुनाफा भी देती है, यह किसानों के लिए एक नगदी फसल मानी जाती है, किसान खेत से गेंदे के फूल तोड़कर 2 घंटे में बाजार में बेचकर नगदी पैसे अपनी जेब में डाल सकता है।

पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉक्टर आशुतोष पंत ने बताया कि गेंदे के फूल में कुछ केमिकल ले ऐसे होते हैं जिससे गाजर घास पूरी तरह नष्ट हो जाता है, डॉ आशुतोष पंत ने बताया इस गाजर घास से मनुष्य में त्वचा संबंधी रोग, एलर्जी, एक्जिमा, दमा, दमा के रोग वाले रोगियों के लिए गाजर घास के फूलों से निकलने वाले प्रागकण काफी हानिकारक होते हैं, इसलिए गाजर घास को घर या खेत के आसपास खेलने से रोकना जरूरी है।

डॉ आशुतोष पंत ने बताया कि गाजर घास पशुओं के लिए भी बहुत हानिकारक है, यदि दूध देने वाले पशुओं के चारे में इसकी मिलावट हो जाती है तो पशु के दूध में कड़वा बनने लगता है, जानकारी के लिए आपको बता दें कि गाजर घास का पौधा शाक्य पौधा होता है जो 90 सेंटीमीटर से लेकर  1 मीटर तक ऊंचा होता है, इसकी पत्तियां गाजर या गुलदाउदी की पत्तियों जैसी होती है, गाजर घास में सफेद रंग के फूल लगते हैं और इसके फूल और बीज गर्मी या सर्दी हो दोनों मौसम में दिखाई देता है।