कम सिंचाई में चने की इन दो नई किस्मों से मिलेगा शानदार उत्पादन, अच्छी उपज के लिए अपनाए ये तरीका

Gram Farming :भारत के विभिन्न राज्यों में चने की खेती की जाती है। चने की फसल को रबी सीजन की मुख्य फसल मानी जाती है। यह एक ऐसी फसल है जो कम लागत में करवाती है बंपर मुनाफा। चने में अनेक तरह की किसमे पाई जाती है। चलिए जानते हैं उन्हें में से खास चने की दो किस्म के बारे में...

 

Best Variety Of Gram : भारत देश के किसान पिछले कई दशकों से परंपरागत खेती करते आ रहें हैं। देश में दो सीजन में फसले बोई जाती है। यह सीजन रबी तथा खरीफ है। रबी सीजन में चने की खेती बहुत सारे किसानों द्वारा की जाती है। चने की खेती को काफी फायदेमंद माना जाता है। किसान इसकी बुवाई कर कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। चना एक प्रमुख दलहनी फसल में आती है। फिलहाल बाजार में मांग अच्छी होने के कारण चने की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। इसलिए काफी किसान इसकी खेती की ओर काफी आकर्षित हो रहे हैं।

चना की खेती से किसानों के फायदे को देखते हुए और ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इसकी नई वैरायटी विकसित की गई है। यह वैरायटी हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 109 लागू की गई वैरायटी में से है। इन्हीं में दो चने की बेहतरीन किस में शामिल है। यह दोनों ही किस्म अच्छी उपज देती है। किसान आने वाले रबी सीजन में इनकी बुवाई कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

चने की यह दोनों वैरायटी रोग रोधी है। इन दोनों वैरायटी में  रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने की वजह से किसी भी तरह की बीमारी नहीं लगती। जिससे फसल उत्पादन में नुकसान नहीं होता और अच्छी पैदावार ले सकते हैं। किस्म में रोग नहीं आने की वजह से किसानों का पेस्टिसाइड का खर्च बचता है।

पंतग्राम पीजी 265

कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर उत्तराखंड के वैज्ञानिकों द्वारा पीजी 265 नामक चने किस्म तैयार क़ी गयी है। इस वैरायटी की खास बात यह है कि किसान इसकी रोपाई भी कर सकते हैं और आसानी से बढ़िया पैदावार ली जा सकती है। चने की इस किस्म को जलवायु के हिसाब से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम के किसानों के लिए तैयार किया गया है। इस किस्म का बढ़िया उत्पादन लेने के लिए रबी सीजन में बुवाई अच्छी मानी जा रही है। इस किस्म की खास बात यह है कि इस कम पानी वाले क्षेत्रों में भी बोया जा सकता है।

कितना मिलेगा उत्पादन

दलहन की मुख्य किस्म चने की खेती करने में करीबन 130 दिन का समय लगता है। लंबी अवधि की फसल होने की वजह से किसान इससे प्रति हेक्टेयर करीबन 20 क्विंटल का उत्पादन ले सकते हैं। रोग प्रतिरोधी होने की वजह से इसमें विल्ट, रॉट कॉलर, बौनापन तथा फलीछेदक रोग नहीं आते। सिंचाई और उर्वरक की उचित व्यवस्था होने पर ये किस्म करीबन 22 क्विंटल तक उत्पादन दे सकती है।

नांदयाल ग्राम 1267

आचार्य एन जी रंगा कृषि विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश के वैज्ञानिकों ने किस्म नांदयाल ग्राम 1267 तैयार की है। जलवायु के हिसाब से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक तथा तमिलनाडु जैसे क्षेत्रों में बढ़िया उत्पादन देने में सक्षम है। किसान इस किस्म की खेती करके आसानी से प्रति हेक्टेयर 21 क्विंटल का उत्पादन ले सकते हैं। इस किस्म को पकने में 90 से 95 दिन का समय लगता है।