कम पानी वाली जगह पर 40 से 45 क्विंटल का उत्पादन देगी धान की ये किस्में, 110 दिन में हो जाएगी तैयार

Chhattisgarh Paddy :देश के राज्य छत्तीसगढ़ में धान की खेती सबसे अधिक की जाती है। इसी वजह से इस राज्य को धान का कटोरा बोला जाता है। छत्तीसगढ़ में 23000 से अधिक धान की किस्म का रिकॉर्ड कायम करने का दावा किया जाता है।
 

Chhattisgarh Paddy : देश के राज्य छत्तीसगढ़ में धान की खेती सबसे अधिक की जाती है। इसी वजह से इस राज्य को धान का कटोरा बोला जाता है। छत्तीसगढ़ में 23000 से अधिक धान की किस्म का रिकॉर्ड कायम करने का दावा किया जाता है। लेकिन ऐसी किस्म कम देखने को मिलती है जो सूखा रोधी हो। किसान भाइयों को सही से जानकारी नहीं मिलने के कारण अनजाने में महंगे भाव के बीच खरीद कर बोने पड़ते हैं। जिससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है। 

छत्तीसगढ़ की राजधानी में स्थित कृषि विश्वविद्यालय इंदिरा गांधी में पिछले कई सालों से 21 उन्नत किस्म की खोज का रिकॉर्ड बनाया गया है। इन किस्मों में सूखे मौसम की दो ऐसी किस्म है जो खुद को बिना पानी के उत्पादन करने के लायक बना सकती है। कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि इंदिरा बरानी 1 और इंदिरा बरानी 2 दो किस्म की खोज की है। जिसका पौधा कम से कम पानी में आसानी से तैयार हो जाता है और सूखे से लड़ने की गजब क्षमता रखता है।

कम पानी में मिलेगा शानदार उत्पादन 

प्लांट ब्रीडिंग के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर दीपक शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि कम पानी या सूखे की स्थिति में धान की खेती करना काफी मुश्किल होता है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विश्वविद्यालय ने दो किस्म की खोज की है। जो सूखे से लड़ने में सक्षम होती है। इन दोनों किस्म को पकने में 105 से 110 दिन का समय लगता है। अगर ओपन की बात की जाए तो यह करीबन 40 से 45 क्विंटल पड़ती हेक्टेयर हो जाती है। जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है, वहां यह किस में वरदान साबित हो रही है।