गाजर की ये पांच उन्नत किस्में, उत्पादन के साथ देगी बम्पर कमाई

गाजर की खेती मॉनसून के समय करने का मान्यता गया है क्योंकि इस समय पानी की आपूर्ति अधिक होती है जो पौधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। गाजर की उत्तम पैदावार और मुनाफा प्राप्त करने के लिए सही प्रकार की किस्मों का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। नीचे पांच ऐसी उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी गई है जिनसे किसान अच्छा उत्पादन और मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं:
 

Saral Kisan : गाजर की खेती मॉनसून के समय करने का मान्यता गया है क्योंकि इस समय पानी की आपूर्ति अधिक होती है जो पौधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। गाजर की उत्तम पैदावार और मुनाफा प्राप्त करने के लिए सही प्रकार की किस्मों का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। नीचे पांच ऐसी उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी गई है जिनसे किसान अच्छा उत्पादन और मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं:

हिसार रसीली: यह किस्म गाजर की सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय किस्मों में से एक है। इसका रंग गहरा लाल होता है और इसका आकार लंबा और पतला होता है। यह किस्म आमतौर पर 85 से 95 दिनों में तैयार हो जाती है और उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है।

पूसा केसर: यह किस्म छोटे आकार और गहरे लाल रंग के गाजर की पैदावार के लिए जानी जाती है। इसका बीज रोपाई के लगभग 90 से 110 दिनों में तैयार होता है और यह बीज पैदावार में भी अच्छा परिणाम देती है।

पूसा मेघाली: इस किस्म के फलों में केरोटीन की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिससे यह गाजर का सेहत के लिए भी अच्छा विकल्प होता है। इसका रंग नारंगी होता है और यह 100 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है।

पूसा आसिता: यह किस्म मैदानी क्षेत्रों में अधिक पैदावार देने के लिए उत्तम है। इसका रंग काला होता है और यह 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है।

नैंटस: इस किस्म की खासियत यह है कि इसमें खुशबू होती है। यह गाजर छोटे आकार का होता है और उसका रंग नारंगी होता है। इसकी पैदावार में थोड़ी कमी होती है, लेकिन उसकी खासियतों के कारण इसकी मांग बढ़ती जा रही है।

गाजर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिटी का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। गाजर के बीज को बोने से पहले भूमि की तैयारी और समुचित जल संचार की जरूरत होती है। इसके अलावा, उपयुक्त पैदावार के लिए समय पर खाद देना, पेड़ों की सही प्रुनिंग और रोग-रोक के उपायों का पालन करना भी जरूरी होता है।

गाजर की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए उपरोक्त किस्मों का चयन करें और उपयुक्त खेती तकनीकियों का पालन करें। ध्यान दें कि मॉनसून के समय पानी की उपलब्धता अधिक होती है, जिससे पौधों का विकास अच्छा होता है।

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