केंद्र सरकार ने 2 राज्यों में बढ़ाई फसल बीमा कराने की तारीख, चेक करें रजिस्ट्रेशन की डेट

PM Kisan Yojana : झारखंड और त्रिपुरा के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण घोषणा की है। केंद्रीय सरकार ने इन दो राज्यों के किसानों को खरीफ फसलों का बीमा करने का समय 31 अगस्त 2024 तक बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से जुड़कर किसान अब अपनी फसलों और आय को सुरक्षित रख सकते हैं।
 

PM Fasal Bima Yojana : झारखंड और त्रिपुरा के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण घोषणा की है। केंद्रीय सरकार ने इन दो राज्यों के किसानों को खरीफ फसलों का बीमा करने का समय 31 अगस्त 2024 तक बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से जुड़कर किसान अब अपनी फसलों और आय को सुरक्षित रख सकते हैं। किसानों को जितना जल्दी हो सके, उतना ही जल्दी बीमा करवा लेना चाहिए, ताकि किसानों को भविष्य में आने वाली बाढ़, आपदाओं और सूखे से होने वाले नुकसान की भरपाई मिल सकें।

खरीफ सीजन में अधिसूचित फसलें

खरीफ मौसम के लिए अधिसूचित फसलों में सोयाबीन, मक्का, बाजरा, अरहर (या तुअर), ज्वार, कोदो-कुटकी, मूंगफली, तिल, कपास, मूंगफली, उड़द और सिंचित धान शामिल हैं। गेहूं, जौ, चना, सरसों, मसूर, अलसी, मटर और अलसी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल हैं। जबकि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों में गन्ना, काजू, कॉफी, नारियल, आम, केला, पपीता और अन्य फसलें शामिल हैं।

यहां पर करवा सकते हैं, बीमा

भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in ही सभी किसानों का बीमा कवरेज मंजूर करेगा। NCIP-Portal का भुगतान गेटवे Pay-Gov ही प्रीमियम राशि को भेज सकता है। सभी किसानों के पास आधार नंबर होना बेहद ही जरुरी है।

जानकारी के लिए कर सकते हैं, संपर्क

राज्य के किसान अपनी फसलों का बीमा करवाने के माध्यम से अपने किसी भी नजदीकी बैंक शाखा या सीएससी सेंटर पर जाकर अपना फार्म भरवा सकते हैं। http://pmfby.gov.in जोकि कृषि बीमा पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट है, उसे पर अपना पंजीयन दर्ज करें। Crop Insurance App और AIC के दफ्तर या अधिकृत इन्टरमीडियरीज से बातचीत करनी होगी। अगर इस दौरान आपको कोई भी सवाल पूछना हो तो 14599 पर फोन कर सकते हैं या फिर helpdesk@csc.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

जरूरी दस्तावेज

किसान PM फसल बीमा का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी और जमीन से संबंधित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। पोर्टल पर पंजीकरण करके फसल का उचित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।