Rajasthan : राज्य सरकार ने प्रदेश में दालों और गेहूं की स्टॉक सीमा तय की, कीटनाशकों के लिए सख्त होंगे मानक

 

Rajasthan Food Department : राजस्थान में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य, एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय अधिसूचना के तहत गेहूं और दालों की स्टॉक सीमा तय की गई है। प्रमुख शासन सचिव नें  सभी जिला रसद अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को स्टॉक सीमा पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। 

तुअर, चना और काबुली चना स्टॉक सीमा 30 सितंबर तक प्रभावी रहेगी। सभी विक्रेताओं को 12 जुलाई स्टॉक सीमा सुनिश्चित करनी होगी। गेहूं की स्टॉक सीमा 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगी। अधिसूचना जारी होने के 30 दिन के भीतर स्टॉक तय सीमा के भीतर लाना होगा।

मसालों में कीटनाशकों का मामला  

जयपुर से निर्यात होने वाले मसालों में कीटनाशक पाए जाने के मद्देनजर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) मसाला उत्पादन के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मानक बनाएगा। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (BUVM) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान FSSAI की सीईओ जी. कमला वर्धन राव ने यह जानकारी दी।

FSSAI की हुई बैठक 

बैठक में BUVM के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि साबुत मसालों में कीटनाशक पाए जाते हैं। यह समस्या कृषि उत्पादन प्रक्रिया से जुड़ी है। मसाला फैक्ट्रियों में कीटनाशकों का उपयोग यह भ्रामक तथ्य है। FSSAI की राज्य इकाइयां पैक किए गए मसालों के नमूने लेकर मसाला कंपनियों पर मिलावट का आरोप लगा रही हैं। इससे कंपनी की साख खराब हो रही है।

देश में कीटनाशकों की जांच के लिए सिर्फ 31 प्रयोगशालाएं हैं। राज्यों में नमूने जांच के लिए निजी प्रयोगशालाओं को दिए जाते हैं। इनकी जांच रिपोर्ट संदेह के घेरे में रहती है। इसलिए सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। इसके अलावा अलग-अलग वस्तुओं के लिए कीटनाशक मानक अलग-अलग होने चाहिए।  एफएसएसएआई के सीईओ राव ने सभी नमूनों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने का आश्वासन दिया।