MP News: धान का कटोरा पुनर्वास क्षेत्र चोपना अब मूंगफली उत्पादन में हो रहा प्रसिद्ध  

Madhay Pradesh News :यह बैतूल जिले का चोपना पुनर्वास क्षेत्र है। पहले इसे धान उत्पादन के कारण धान का कटोरा कहा जाता था। अब यहां के किसान मूंगफली की फसल लगा रहे हैं, इसलिए यह क्षेत्र मूंगफली उत्पादन में प्रसिद्ध हो रहा है।
 

Madhay Pradesh News : यह बैतूल जिले का चोपना पुनर्वास क्षेत्र है। पहले इसे धान उत्पादन के कारण धान का कटोरा कहा जाता था। अब यहां के किसान मूंगफली की फसल लगा रहे हैं, इसलिए यह क्षेत्र मूंगफली उत्पादन में प्रसिद्ध हो रहा है। किसान 36 पुनर्वास गांवों में 1100 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल लगा रहे हैं। महाराष्ट्र के व्यापारी सीधे किसानों से संपर्क कर मूंगफली खरीद रहे हैं।

किसान एक एकड़ पर 50,000 रुपये खर्च करते हैं और 1.5 लाख रुपये तक की मूंगफली बेचते हैं। इससे उन्हें 1 लाख रुपये तक की शुद्ध बचत हो रही है। आने वाले समय में चोपना में मूंगफली का रकबा और बढ़ सकता है। 

घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के चोपना पुनर्वास क्षेत्र में किसान 4 साल से मूंगफली की फसल लगा रहे हैं। हर गांव में कोई न कोई किसान मूंगफली की खेती कर रहा है।  क्षेत्र के दुल्हारा, सालीवाड़ा, गोलाई, शांतिपुर, दुर्गापुर, पूंजील सहित अन्य गांवों में अक्टूबर माह में किसान धान की कटाई के बाद मूंगफली की खेती करते है।  

धान की कटाई के बाद मूंगफली लगाते किसान

दुर्गापुर के किसान ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर माह में 3 एकड़ में मूंगफली लगाई थी। बैतूल और पांडुरना से बीज मंगवाए थे। 50 से 60 क्विंटल मूंगफली का उत्पादन हुआ। वर्तमान में मूंगफली 70 से 75 रुपए किलो बिक रही है। पिछले साल 80 रुपए किलो बिकी थी। उन्होंने बताया कि वे 4 साल से फसल लगा रहे हैं। सालीवाड़ा के किसान जयदेव विश्वास ने बताया कि मूंगफली 5 महीने की फसल है। अधिकांश किसानों ने अपने खेतों पर खुद तालाब बना रखा है। इससे सिंचाई करते हैं। इस बार हर महीने बारिश होने से मूंगफली के लिए पानी की जरूरत कम पड़ी।