ग्राहक नहीं होने से चने के भाव नरम, गेहूं की आवक बढ़ी

MP News :खरीदी धीमी होने से मांग न होने से चने के भाव नरम पड़ गए हैं। चने में करीब 50 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। किसान अब बुवाई के बाद बचा गेहूं लेकर मंडी पहुंच रहे हैं, इसलिए गेहूं की मात्रा बढ़ गई है।
 

MP News : खरीदी धीमी होने से मांग न होने से चने के भाव नरम पड़ गए हैं। चने में करीब 50 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। किसान अब बुवाई के बाद बचा गेहूं लेकर मंडी पहुंच रहे हैं, इसलिए गेहूं की मात्रा बढ़ गई है। स्थानीय मंडी में 2500 से 3000 बोरी गेहूं की आवक हुई। कई किसानों ने बुवाई शुरू कर दी है। दो दिन की तेजी के बाद अन्य दलहनों के भाव स्थिर रहे।

इधर, कनाडा में मसूर की बुवाई समाप्त हो गई है और उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है। फसल अगस्त-सितंबर में काटी जाएगी। चालू सीजन के अंत में अधिशेष कम रहेगा, लेकिन अगले सीजन में कुल उपलब्धता बेहतर रहने की उम्मीद है। खरीदारों का ध्यान अगली नई फसल पर है, इसलिए मोटी हरी मसूर का हाजिर स्टॉक नंबर 2 ग्रेड के लिए 75 सेंट प्रति पाउंड पर स्थिर बना हुआ है।   

कनाडा के कृषि मंत्रालय

खरीद-बिक्री के लिए अगली नई फसल के अधिकांश सौदे पहले ही हो चुके हैं, फिर भी कुछ खरीदार रुचि दिखा रहे हैं। कनाडा के कृषि मंत्रालय ने 2023-24 की तुलना में 2024-25 विपणन सत्र के दौरान बेहतर उत्पादन के कारण मसूर की औसत बाजार कीमत कुछ नरम रहने का अनुमान लगाया है। ऑस्ट्रेलिया में सरकारी एजेंसी ABARES ने 16 लाख टन मसूर की पैदावार का अनुमान लगाया है, जो 2023-24 सत्र के लगभग बराबर है। रूस के उत्पादन पर नजर रखी जा रही है। भारत में अन्य दालों की तुलना में मसूर की कीमत में कम वृद्धि हुई है और निर्यातक देशों में सीमित स्टॉक और ऊंची कीमतों के कारण भारतीय आयातक फिलहाल बहुत सक्रिय नहीं हैं। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2025 तक मसूर की दाल के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया है।