किसानों के लिए सरकार की अनूठी पहल होगी शुरू, अन्नदाता की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत 
 

Farmer News : भारत एक कृषि प्रधान देश है। बड़े स्तर पर यहां खेती किसानी का काम किया जाता है. केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के लिए एक अनूठी पहल की गई है. 

 

Kisan ki Baat : किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने और पैदावार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एक अनुढ़ी पहल करने जा रही है. किसानों को जानकारी का अभाव होने की वजह से फसलों की अच्छे से देखभाल नहीं कर पाते हैं। केंद्र सरकार ने किसानों को यही दिक्कत दूर करने के लिए इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है. किसानों और वैज्ञानिकों को आपस में जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार की इस पहल के माध्यम से हर महीने के लास्ट गुरुवार को देश के हर जिले में किस विज्ञान केंद्र पर किसानों की बात का आयोजन किया जाएगा। अगले महीने सितंबर से इस कार्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने सितंबर में किसने की बात कार्यक्रम का उद्घाटन कर सकते हैं. 

किसानों और वैज्ञानिकों को आपस में जोड़ा जाए

स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में आए किसानों से संवाद एवं राष्ट्रीय किट निगरानी प्रणाली की शुरुआत के मौके पर कहा था कि हमारा लक्ष्य है कि किसानों और वैज्ञानिकों को आपस में जोड़ा जाए. बहुत बार किसानों को जानकारी का पता नहीं होता और गलत कीटनाशक का प्रयोग अपनी फसलों में कर लेते हैं. जिससे फसलों को नुकसान होता है और किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है.

किसानों को विज्ञान का लाभ तुरंत मिले 

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को विज्ञान का लाभ तुरंत मिलने के लिए हम हर महीने किसानों की बात नामक कार्यक्रम शुरू करेंगे। इसमें वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें किसानों को जरूरी जानकारी दी जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र को किसानों से पूरी तरह जुड़ाना चाहिए। किसानों को वैज्ञानिक लाभ तुरंत मिलेंगे। हम कृषि के जरिए अन्नदाता बनने का चमत्कार करने के लिए जल्द ही वैज्ञानिकों और किसानों के बीच बहस होगी।

किसानों की बात

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) देश भर में 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) चलाता है। इन केंद्रों को देश के लगभग हर जिले में पाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि हर जिले के केवीके पर हर महीने के अंतिम गुरुवार को "किसानों की बात" होगी। कृषि विज्ञानी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। इस दिन, जिले के किसान विज्ञानियों से मिलेंगे और उनसे अपनी परेशानियों का निपटारा करेंगे। स्थानीय रेडियो और यूट्यूब जैसे सार्वजनिक मीडिया मंचों पर ये बहसें उपलब्ध रहेंगी। सूत्रों ने बताया कि इससे किसानों की मुश्किलें कम होंगी और उनकी उपज भी बढ़ेगी। इससे प्रयोगशाला से खेत तक की दूरी को कम करता है