सरकार कर रही प्रमोट, इस फसल की बिजाई से मुनाफा होगा डबल

कोडरमा के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ए के राय ने बताया कि गेहूं चावल की तुलना में बाजरे में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। बाजरे में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसमें विटामिन और फाइबर भी भरपूर मात्रा में मिलता है।
 

Millet food : भारत सरकार किसानों को गेहूं और धान छोड़कर मोटे अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। मोटे अनाज की खेती करके आप बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आप पारंपरिक फसलों की जगह ज्वार या बाजरा उगाते हैं, तो आपकी आय में मुनाफा होगा।

कोडरमा के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ए के राय ने बताया कि गेहूं चावल की तुलना में बाजरे में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। बाजरे में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसमें विटामिन और फाइबर भी भरपूर मात्रा में मिलता है। उन्होंने बताया कि पहले के समय में लोग गेहूं चावल की जगह बाजरा और ज्वार की रोटी खाते थे। स्वास्थ्य और उत्पादन के दृष्टिकोण में यह काफी फायदेमंद माना जाता है।

बाजरे का सेवन करके आप कैंसर से भी लड़ सकते हैं। ठंड के मौसम में अगर बाजरे की रोटी खाई जाए, तो यह हमारी सेहत के लिए शानदार रिजल्ट देगा। इसका उपयोग रोटी के साथ-साथ बिस्कुट और केक बनाने में भी किया जाता है। बाजरे की रोटी जितनी फायदेमंद है, उतना ही पशुओं के लिए भी फायदेमंद होती है। ज्वार और बाजार पशुओं के लिए चारे के रूप में इस्तेमाल होता है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बुवाई करने के 60 और 70 दिनों के बाद बाजार और ज्वार पककर तैयार हो जाते हैं। इसके साथ-साथ गेहूं और धान के मुकाबले इनमें कम खाद और कम पानी की जरूरत पड़ती है।

अगर आप भी ज्वार बाजरा हुआ कर बेहतर उत्पादन लेना चाहते हैं तो हम आपको कुछ किस्म के बारे में बताने वाले हैं। शानदार उत्पादन लेने के लिए आप शंकर किस्म के बीज सीएसएच-5, सीएचसी-9, सीएसएच-18 का प्रयोग कर सकते है। उनके पौधे लंबे और गोल भुट्टे वाले होते हैं। अगर आप एक एकड़ में 5 किलो बीज की बिजाई करते हैं, तो आपको 12 से 15 क्विंटल उत्पादन मिल जाएगा।