खुशखबरी! महंगाई पर लगेगी लगाम, अब सस्ती होगी तुवर की दाल
Saral Kisan: भारत में तुअर दाल की कीमतें वाकई महंगी हो गई हैं और इससे आम आदमी को काफी परेशानी हो रही है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए अपने बफर स्टॉक से तुअर दाल की बिक्री की तैयारी की है। यह फैसला लोगों को तुअर दाल की कीमत में कमी की उम्मीद दिलाता है।
एक आधिकारिक बयान में यह बताया गया है कि सरकार ने तुअर दाल को राष्ट्रीय बफर से सुनियोजित और योजनाबद्ध तरीके से बेचने का निर्णय लिया है, जब तक आयातित भंडार खुले बाजार में नहीं आते हैं। इससे सरकार का उद्देश्य है कि तुअर दाल की आपूर्ति में कोई कमी न हो।
सरकार ने उपभोक्ता मामलों के विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से तुअर दाल के वितरण का कार्य सौंपा है। इससे मिल मालिकों को ऑनलाइन नीलामी करने की सुविधा मिलेगी।
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भंडार सीमा निर्धारित करने के बाद, उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर तुअर दाल की उपलब्धता की सुविधा मिलेगी। यह मूल्यांकन उपभोक्ताओं के मामलों के आधार पर होगा और नीलामी की जाने वाली मात्रा और संख्या को तय किया जाएगा। सरकार ने जुनेदाखिरा तक तुअर और उड़द के लिए भंडार सीमा लगा दी है और उसे 31 अक्टूबर 2023 तक लागू किया है।
इसके अलावा, स्टॉक सीमा के अनुसार विभिन्न विक्रेताओं और दुकानदारों के लिए अलग-अलग मात्रा का भंडार रखा जाएगा। इससे हर खुदरा दुकानदार को 5 टन और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को 200 टन की सीमा निर्धारित की गई है। मिल मालिकों के लिए उत्पादन की क्षमता का 25 प्रतिशत भंडार की सीमा रखी गई है। इसके अलावा, सरकार ने इन संस्थाओं के लिए अपने पोर्टल पर भंडार की स्थिति का आंकलन करने की भी अनिवार्यता लगा दी है।
राज्य सरकारें भी कीमतों की नजर रख रही हैं और भंडार सीमा आदेश का पालन करने के लिए निगरानी कर रही हैं। यदि कोई संस्थान या व्यक्ति भंडार सीमा उल्लंघन करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, उपभोक्ता मामलों के विभाग और राज्य सरकारें स्टॉक प्रकटीकरण की स्थिति की निगरानी करेंगी।
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