MP में मोटा अनाज उगाने वाले किसानों को मिलेगी प्रोत्‍साहन राशि, सरकार की बड़ी पहल शुरू 
 

MP News : मध्य प्रदेश में किसानों को लेकर सरकार उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. मध्य प्रदेश में सरकार की तरफ से किसानों को प्रोत्साहित और जागरूक करने के लिए कई आयोजन आयोजित किए गए हैं. 

 

Madhya Pradesh Government : मध्य प्रदेश में किसानों के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश में किसानों को मोटे अनाज पर 10 रूपए प्रति किलो प्रोत्साहित राशि देने का फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि वर्ष 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया था. इस दौरान प्रदेश में कई जागरूकता और प्रोत्साहन के लिए प्रदेश भर में कई आयोजन हुए थे. 

मध्य प्रदेश में डिंडोरी में श्री अनुसंधान संस्थान बनाने का फैसला लिया गया है। लेकिन सरकार के इतने प्रयास के बावजूद भी प्रदेश में कुल खाद्यान्न उत्पादित इलाके में मात्र साढे तीन फ़ीसदी हिस्से में ही मोटे अनाज की खेती की जा रही है. इसलिए मध्य प्रदेश में सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कि वह श्रीअन्न उपजाने की और रुख करें इसलिए प्रोत्साहित कर रही है.

प्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत बाजरा

मध्य प्रदेश में छह लाख 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर मोटा अनाज उगाया जाता है। बता दे की यह 2023-24 के वर्षों का आंकड़ा है। वर्ष 2021–2022 में इस क्षेत्र का क्षेत्रफल पांच लाख पाँच हजार हेक्टेयर था। लेकिन प्रदेश देश में पांचवें स्थान पर है। प्रदेश में 2019-20 में 8.96 लाख टन मोटे अनाज का उत्पादन हुआ, जबकि 2023-24 में 12.68 लाख टन का उत्पादन हुआ था। प्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत बाजरा उगाया जाता है।

कई जिलों में होता हैं उत्पादन

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मोटे अनाज का उत्पादन मंडला, डिंडोरी, बालाघाट आदि जिलों में होता है. मध्य प्रदेश में मोटे अनाज का उत्पादन न बढ़ने के कारण यहां अब तक कोई बड़ी खाद्य प्रसंस्करण इकाई नहीं है. कुल खाद्यान्न पैदावार में से देश भर में 10 फ़ीसदी हिस्से में ही मोटे अनाज की खेती की जाती है। देश भर में राजस्थान में सबसे ज्यादा 33 फ़ीसदी और कर्नाटक में 23 फ़ीसदी इलाके में मोटे अनाज का पैदावार किया जाता है.

प्रोत्साहन के लिए किए गए प्रयास

1 - जनवरी 2023 में मंडल में मोटे अनाजों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन पर दो दिवसीय मिलेट्स सम्मेलन हुआ।
2 - बजट में वर्ष 2024–25 में डिंडोरी में श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान की घोषणा की गई है।
3 - विधानसभा सहित कई प्रमुख स्थानों पर मोटे अनाजों से खाना बनाया जाता है।
4 - फसल उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण, मार्केटिंग, उपार्जन और ब्रांड बिल्डिंग के माध्यम से वैल्यू चेन का विकास होगा।