सरसों के भावों में तेजी से किसानों को मिली राहत, अभी और भी बढ़ सकतें हैं भाव

पिछले महीने सरसों एमएसपी से नीचे बिक रही थी. परंतु अब न्यूनतम समर्थन मूल्य से भाव ज्यादा हो गए हैं. जानकारों का मानना है अभी और भी तेजी आ सकती है.
 

Musturd Price : सरसों का सीजन बीत जानें से पहले और बाद के कुछ महीनों तक सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भाव के नीचे बिक रही थी. परंतु अब कुछ दिनों से एमएसपी से ऊपर बिक रही है. कृषि बाजार में रुचि रखने वाले जानकारों का मानना है कि सरसों के भाव में अभी और तेजी आ सकती है. तेजी के बाद किसानों को राहत मिल रही है. तेजी को लेकर इस लेख में हम आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देंगे,

सरसों की कीमतों में गिरावट और उछाल जैसे मामलों में राजस्थान की जयपुर मंडी को बेंचमार्क मंडी माना जाता है. फिलहाल के दौर में जयपुर मंडी में सरसों 6350 रुपए बिक रही है. परंतु इसी मंडी में आज से लगभग 10 दिन पहले सरसों 5300 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिक रही थी. इन्हीं 10 दिनों के अंतराल में सरसों के भाव में लगभग 19 फ़ीसदी तेजी आई है. सीजन के दौरान जब मंडी में किसान माल लेकर पहुंच रहे थे तब सरसों 5000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे बिक रही थी. सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि तेजी आने के बाद सरसों एमएसपी से 700 रुपए प्रति क्विंटल तेज बिक रही है.

सरसों क्यों हुई तेज? 

जानकारों के मुताबिक, सीजन के समय ज्यादा उत्पादन और मंडियो में बड़े स्तर पर आवक आने से सरसों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चले गए थे. अब निचले भाव पर मांग बढ़ने से तेजी आ रही है. अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सरसों खली की मांग बन रही है. इसी दौरान पिरोई के लिए सरसों की मांग मजबूत बनी हुई है. कमोडिटी जानकारों के मुताबिक, सरसों के भाव घटने से किसानों ने माल को स्टॉक किया. जिससे मंडियो में आवक घटी. यह भी एक तेजी का कारण है.

कितनी आएगी तेजी, 

कृषि बाजार जानकारों का मानना है कि सरसों के भाव में अभी 200 रुपए प्रति क्विंटल की और तेजी आ सकती है. तेल मिलों की मांग मजबूत रहने के आसार बने हुए हैं. ऐसे में भाव 6500 रुपए क्विंटल सरसों पार जा सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में खली की मांग मजबूत होने से भाव में तेजी आने की आशंका है.