1 साल में खाद्य तेल 30 फ़ीसदी और दाल 20% तक हुई महंगी, हिला कर रख देगा रसोई का बजट

Mustard Oil, Dal Price  :देश में रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक मई 2023 के 2.91 फीसदी से मई 2024 में 8.69 फीसदी पर पहुंच गया।
 

Mustard Oil, Dal Price  : देश में रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक मई 2023 के 2.91 फीसदी से मई 2024 में 8.69 फीसदी पर पहुंच गया। कमोडिटी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले खाद्य तेल की कीमत औसतन 30 फीसदी और दालों की कीमत 20 फीसदी ज्यादा है। इतना ही नहीं, घरेलू खर्च का करीब 24 फीसदी हिस्सा रखने वाले किराना सामान की कीमत भी आसमान छूने लगी है। पिछले दो महीने में साबुन, हेयर ऑयल जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम 2-17 फीसदी तक बढ़ गए हैं। 

मिली ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में टमाटर 37.6 फीसदी, प्याज 89.4 फीसदी और आलू 81.1 फीसदी महंगा हुआ है।  कंज्यूमर रिसर्च फर्म कैंटा की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-मार्च के तीन महीनों में एक औसत भारतीय परिवार ने किराने के सामान (किराना-सब्जी-दूध-अंडे-ब्रेड-पनीर आदि) पर 49,418 रुपये खर्च किए। यानी एक आम भारतीय परिवार हर महीने किराने के सामान पर 16,400 रुपये से ज्यादा खर्च कर रहा है। यानी एक भारतीय परिवार हर महीने किराने के सामान पर 2300 रुपये से ज्यादा खर्च कर रहा है।

3 महीने में 10 सबसे खाने की जरूरी चीजों का भाव 10% बढ़ा

कमोडिटी जून मार्च बदलाव 
प्याज 50 33 51.52 %
आलू 33 25 32.00 %
अरहर 117 157 12.74 %
सरसों का तेल 140 139 6.47 %
टमाटर 40 38 5.26 %
उड़द की दाल 143 138 3.62 %
आटा (गेहूं) 32 31 3.23 %
मूंगफली का तेल 209 207 0.97 %
मूंग दाल 122 127 4.10 %
सोया तेल 128 129 -0.78%
औसत  वृद्धि 11.9%

बढ़ती लागत, खराब मौसम और सरकारी हस्तक्षेप महंगाई बढ़ने के मुख्य कारण हैं

खाद्य महंगाई बढ़ने के पीछे खराब मौसम, आपूर्ति की समस्या, बढ़ती लागत और सरकारी हस्तक्षेप जैसे कई कारण हैं। घरेलू उत्पादन में कमी और वैश्विक कीमतों में वृद्धि के कारण सरसों, सोयाबीन और पाम ऑयल जैसे खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि हुई है। मौसमी बदलाव और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के कारण आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। प्याज

गेहूं के निर्यात पर 40% शुल्क लगाए जाने के कारण किसानों ने खेती कम कर दी क्योंकि उन्हें अब अंतरराष्ट्रीय बाजार से आय की उम्मीद नहीं थी। साथ ही, सरकार प्याज के बफर स्टॉक लक्ष्य का 10% भी नहीं खरीद पाई। साथ ही, खाद्य कीमतों को कम रखने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने की सरकार की कोशिशें उल्टी पड़ गईं। क्योंकि किसान स्टॉक रोक रहे हैं।

डेयरी, सब्ज़ियाँ, दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं

कारण : बढ़ती माँग, बढ़ती लागत। मौसमी फल कारण: मौसम के कारण आपूर्ति में कमी और परिवहन लागत में वृद्धि। प्रसंस्कृत खाद्य

कारण : उत्पादन और वितरण से संबंधित लागत में वृद्धि।