संशोधित सरसों की व्यवसायिक  बिक्री हुई शुरू, हाई कोर्ट ने दी मंजूरी

Musturd Seed : भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों (जीएम सरसों) की व्यावसायिक बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बंटा हुआ फैसला सुनाया। इस मामले में दो जजों की खंडपीठ ने अलग-अलग फैसले दिए।
 

Musturd Seed : भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों (जीएम सरसों) की व्यावसायिक बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बंटा हुआ फैसला सुनाया। इस मामले में दो जजों की खंडपीठ ने अलग-अलग फैसले दिए। जस्टिस नागरत्ना ने भारत के जीएम सरसों की व्यावसायिक बिक्री और रिलीज की अनुमति देने के खिलाफ फैसला सुनाया है। उन्होंने पाया कि जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) ने भारत में जीएम सरसों के प्रभाव और इसके संभावित पर्यावरणीय प्रभावों पर अध्ययन किया था।

ऐसा किए बिना जीएम सरसों की बिक्री को मंजूरी दे दी गई। केवल वैश्विक स्तर पर उपलब्ध विदेशी शोध खरीद का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा, जब मामला भारत का है, तो स्वदेशी रूप से किए गए शोध अध्ययनों पर ध्यान दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हालांकि, जस्टिस संजय करोल ने जीईएसी के जीएम सरसों की व्यावसायिक बिक्री को मंजूरी देने के फैसले को बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि जीईएसी द्वारा दी गई मंजूरी एक विशेषज्ञ निकाय द्वारा दी गई है, इसलिए इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।

खंडपीठ ने इन बिंदुओं पर सहमति जताई

खंडपीठ ने कुछ बिंदुओं पर सहमति जताई। इनमें प्रमुख हैं जीईएसी द्वारा लिए गए निर्णय की न्यायिक समीक्षा की अनुमति, जीएम सरसों के संबंध में राष्ट्रीय नीति का क्रियान्वयन और जीएम तेल के आयात के मामले में अधिकारियों द्वारा एफएसएसएआई अधिनियम की धारा 23 का अनुपालन आदि प्रमुख है।