यह तकनीक अपनाकर ले टमाटर का बम्पर उत्पादन, जानिए पूरा प्रोसेस 

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए वही किस्में चयन करना चाहिए जिनके फल का वजन 100 से 120 ग्राम तक हो। पूसा दिव्या, लक्ष्मी, डीएआरएल-303, अर्का सौरभ, अबिमन, अर्का रक्षक, पंत बहार जैसी किस्में उपयुक्त हैं।
 

The Chopal: टेक्नोलॉजी के विकास से कृषि तकनीक में भी समृद्धि हो रही है। ग्रीनहाउस तकनीक ने प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न कीट व्याधियों से फसल को बचाने में कामयाबी दिखाई है। इस तकनीक के उपयोग से विपरीत परिस्थितियों में भी खेती को सुविधाजनक बनाया जा सकता है, जिससे अधिक उत्पादन हो सकता है। टमाटर की खेती भी ग्रीनहाउस में आसानी से की जा सकती है। इसलिए आइए जानें ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती कैसे करें -

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त किस्में (Varieties suitable for tomato cultivation in the greenhouse):

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए वही किस्में चयन करना चाहिए जिनके फल का वजन 100 से 120 ग्राम तक हो। पूसा दिव्या, लक्ष्मी, डीएआरएल-303, अर्का सौरभ, अबिमन, अर्का रक्षक, पंत बहार जैसी किस्में उपयुक्त हैं। ग्रीनहाउस में टमाटर की चेरी किस्म की खेती भी विशेष रूप से की जाती है।

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए खर्च (Cost of tomato cultivation in greenhouse):

ग्रीनहाउस के निर्माण के लिए एक वर्गमीटर के लिए 700 से 1000 रूपये तक का खर्च आता है। ग्रीनहाउस तकनीक में सिंचाई प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें डेढ़ से दो मीटर ऊँचे स्थान पर पानी की टंकी का निर्माण कर पानी दिया जाता है, जिससे सब्जियों और फसलों को सिंचाई की जा सकती है।

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए परागण (Pollination for tomato cultivation in the greenhouse):

टमाटर एक स्वयं परागण वाली फसल है, इसके लिए अनुदानित परागण की जरूरत पड़ती है। वाइब्रेटर या एयर ब्लोअर की मदद से परागण की प्रक्रिया पूरी की जाती है। कुछ देशों में ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए परागण की प्रक्रिया मधुमक्खियों और भौंरों के द्वारा पूरी की जाती है।

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए सिंचाई, खाद एवं उर्वरक (Irrigation, manure and fertilizers for tomato cultivation in greenhouse):

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए घुलनशील उर्वरकों को 5:3:5 के अनुपात में दिया जाता है, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश मिश्रित होता है। सिंचाई के लिए गर्मी के दिनों में एक सप्ताह में तीन बार और ठंडी के दिनों में सप्ताह में दो बार सिंचाई की जाती है।

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए उत्पादन (Production for the cultivation of tomatoes in the greenhouse):

टमाटर की फसल 75 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है। ग्रीनहाउस में 1000 वर्गमीटर से 10 से 15 टन टमाटर का उत्पादन हो सकता है। टमाटर की चेरी किस्म से एक हजार वर्गमीटर से 2 से 3 टन टमाटर का उत्पादन हो सकता है।

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए वर्षा (Climate for the cultivation of tomatoes in the greenhouse):

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए अधिक वर्षा, गर्मी, वायरस या कीटों के प्रकोप भी हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए रात का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि दिन के तापमान 16-22 डिग्री सेल्सियस उचित माना जाता है।

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए पौधा रोपण (Planting for tomato cultivation in the greenhouse):

ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए एक वर्गमीटर में 15 से 20 सेंटीमीटर ऊँचे बेड तैयार करना चाहिए। बीजों की बुवाई के 20 से 25 दिनों बाद पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। टमाटर के पौधों को 20 दिनों बाद ओवरहेड तारों से लिपटी हुई रस्सियों से बांधना चाहिए। एक हजार वर्गमीटर में लगभग 2400 से 2600 टमाटर पौधों की जरूरत पड़ती है।

इस तरीके से ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती की जा सकती है, जिससे किसान बदलते मौसम और विभिन्न विपदाओं के खिलाफ सुरक्षित और आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकते हैं।

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