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Mousambi Farming: मौसम्बी का बाग लगा करें बढ़िया कमाई, यह तरीका अपनाकर ले सकते है बम्पर पैदावार

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मॉसम्बी

Saral Kisan: मौसम्बी फल वास्तव में एक सरासर मौसमी फल है और इसकी खेती बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी सफलतापूर्वक की जा रही है। यह फल तीन साल बाद से ही फल देना शुरू कर देता है और पांच साल के बाद उच्च उत्पादन प्राप्त करने लगता है। एक पेड़ से आप 50 किलो तक के मौसम्बी फल उगा सकते हैं और यदि आपने 100 पेड़ लगाए हैं तो आपको पांच साल बाद अधिकतम 50 क्विंटल तक की उत्पादन मिल सकती है।

मौसम्बी में जिंक, फाइबर, कॉपर, विटामिन सी, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन भरपूर होता हैं. मौसम्बी का जूस पीने से शरीर में मजबूती आती है और चेहरे पर चमक आती है. मौसम्बी एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. वहीं, सबुह- सुबह खाली पेट मौसम्बी के जूस में पानी और शहद मिलाकर पीने से शरीर का वजन कम किया जा सकता है. 

15 से 20 दिन के अंतराल में मौसम्बी की सिंचाई 

मौसम्बी नींबू की प्रजाति है. यह देखने में संतरे जैसा होता है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इसकी खेती बड़े स्तर पर होती है. परंतु अब बिहार औऱ उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी इसकी खेती होने लगी है. मौसम्बी की खेती किसी भी मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी रहती है. फ्लड एरिगेशन विधि से इसकी सिंचाई करने पर पौधों का ग्रोथ तेजी के साथ होता है. गर्मी के मौसम में 15 से 20 दिन के अंतराल में मौसम्बी की सिंचाई करनी पड़ती है. 

एक पेड़ से 50 किलो तक मौसम्बी 

मौसम्बी की खासियत है कि पेड़ लगाने के तीसरे साल से ही फल देना शुरू कर देता हैं. पांच साल बाद बंपर पैदावार मिलती है. तब आप एक पेड़ से 50 किलो तक मौसम्बी तोड़ सकते हैं. अगर आपने अपने खेत में 100 पेड़ भी लगाते हैं, तो पांच साल बाद अधिकतम 50 क्विंटल तक पैदावार मिलती है. मौसम्बी में मक्खी, सिल्ला, लिंफ माइनर और इल्ली जैसे रोग लगते हैं. ऐसे में इससे बचाव के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करते रहें.

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